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अफजल गुरु की बरसी पर घाटी में क‌र्फ्यू जैसे हालात

संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु की पहली बरसी पर अलगाववादी संगठनों द्वारा कश्मीर बंद के आह्वान पर प्रशासनिक पाबंदियों के चलते रविवार को घाटी में अघोषित क‌र्फ्यू जैसा माहौल रहा और जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया। अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के संस्थापक मुहम्मद मकबूल भट और अफजल गुरु के शवों के

By Edited By: Published: Mon, 10 Feb 2014 04:39 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2014 07:37 AM (IST)
अफजल गुरु की बरसी पर घाटी में क‌र्फ्यू जैसे हालात

श्रीनगर, जागरण संवाददाता। संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु की पहली बरसी पर अलगाववादी संगठनों द्वारा कश्मीर बंद के आह्वान पर प्रशासनिक पाबंदियों के चलते रविवार को घाटी में अघोषित क‌र्फ्यू जैसा माहौल रहा और जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया।

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अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के संस्थापक मुहम्मद मकबूल भट और अफजल गुरु के शवों के अवशेषों की वापसी की मांग को लेकर लंगेट विधायक व अवामी इत्तोहाद पार्टी के विधायक इंजीनियर रशीद ने जवाहरनगर इलाके में जुलूस निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रशीद को उनके एक दर्जन साथियों समेत गिरफ्तार कर लिया।

पढ़ें: अफजल की फांसी के बाद जम्मू में छपी किताब पर बवाल

अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के अध्यक्ष मुहम्मद यासीन मलिक ने भी अपने दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं समेत मैसूमा इलाके से लालचौक की तरफ मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मलिक और उसके नौ साथियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने पहले ही कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी समेत कई वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को अपने घरों में नजरबंद और कई को हिरासत में ले लिया था, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए यासीन मलिक भूमिगत हो गए थे। सुबह 11 बजे मैसूमा इलाके में जुलूस निकालने के दौरान पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया।

उधर, वादी में बंद के कारण कहीं कोई दुकान नहीं खुली और सड़कों से यातायात गायब रहा। श्रीनगर के डाउन-टाउन इलाकों की तरफ जाने वाले क्षेत्रों में जगह-जगह कंटीली तार और रुकावटें खड़ी कर दी गई थीं। लोगों को घरों से निकलने की मनाही थी। लाल चौक व मैसूमा इलाके को भी सील कर दिया गया था।

वादी के अन्य जिलों बारामूला, बांडीपोरा, कुपवाड़ा, अनंतनाग, शोपियां व कुलगाम में भी हड़ताल और प्रशासनिक पाबंदियों के चलते जनजीवन प्रभावित रहा। कई स्थानों पर लोगों ने जुलूस निकालने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें खदेड़ दिया। अफजल गुरु के पैतृक इलाके दोआबगाह सोपोर में लोगों ने जुलूस निकाल गुरु के घर जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला देकर लौटने को कहा। इस पर जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। बांडीपोरा जिले के पापछन, अजस, बारामूला जिले के मेन टाउन और पुलवामा जिले के पांपोर इलाके में भी प्रदर्शन का प्रयास कर रहे लोगों को पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। अलगाववादियों ने 10 और 11 फरवरी को भी बंद का आह्वान किया है।

इस बीच वादी में प्रशासन ने अफवाहों पर रोक लगाने के लिए एहतियातन रविवार सुबह से ही इंटरनेट सर्विस बंद करा दी थी।

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