पीड़िता ने कहा, मां..जेल में सड़ेंगे आसाराम
'मां..हम एक और लड़ाई जीत गए। बापू की की जमानत खारिज हो गई। मैं न कहती थी, जेल में सड़ेंगे ये ढोंगी। हमें इंसाफ जरूर मिलेगा। व्यर्थ नहीं जाएगा आपका और पापा का संघर्ष..'। बुधवार को जैसे ही टीवी पर आसाराम बापू की जमानत खारिज करने की खब
नरेंद्र यादव, शाहजहांपुर। 'मां..हम एक और लड़ाई जीत गए। बापू की की जमानत खारिज हो गई। मैं न कहती थी, जेल में सड़ेंगे ये ढोंगी। हमें इंसाफ जरूर मिलेगा। व्यर्थ नहीं जाएगा आपका और पापा का संघर्ष..'। बुधवार को जैसे ही टीवी पर आसाराम बापू की जमानत खारिज करने की खबर आई तो पीड़ित छात्रा की जुंबा से यही लफ्ज निकले। वह खुशी से चहक उठी और मां ने भी उसे गले लगा लिया। सिर्फ मां-बेटी ही क्यों, इस फैसले से पूरा शाहजहांपुर ही झूम उठा। जगह-जगह आतिशबाजी हुई और लोगों ने मिठाइयां बांटी।
आसाराम के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली शाहजहांपुर की बिटिया और उसका परिवार पीछे हटने को हरगिज तैयार नहीं है। पीड़िता के पिता धमकियों से बेपरवाह होकर कानूनी जंग जीतने के लिए मंगलवार रात को ही जोधपुर रवाना हो गए थे। उनके जाने से शाहजहांपुर स्थित पीड़िता के घर में सन्नाटा पसरा था। हालांकि, बुधवार की सुबह तमाम आशंकाएं और सवाल लेकर आ खड़ी हुई थी। फिर भी परिवार के सदस्यों ने हिम्मत नहीं हारी। पुलिस कर्मियों की सुरक्षा में भाई दुकान पर बैठकर जोधपुर से जमानत के फैसले का इंतजार करता रहा। वहीं घर में मां और पीड़िता की बहन भी फैसले को लेकर बेचैन दिखी। मां ने जमानत खारिज कराने को अनुष्ठान किया। सुबह सात बजे से दोपहर तक जप, ध्यान करती रहीं। कुछ पल के लिए बेटी ने भी पूजा की। शाम को चार बजे बाद मां टीवी खोलकर बैठ गई। भाई भी मोबाइल पर परिचितों से फोन पर, क्या रहा.जैसे सवाल पूछता दिखा।
इसी दौरान टीवी पर जैसे ही 'आसाराम की जमानत खारिज, कोर्ट ने पीड़ित छात्रा को नाबालिग माना' समाचार आया. मां की खुशी का ठिकाना न रहा। झट उन्होंने बेटी को आवाज दी, बोलीं- देख बेटी तू फिर जीत गई.। बापू की जमानत खारिज हो गई है। हमारी ईश्वर ने प्रार्थना सुन ली। उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। बेटी मां से लिपट गई। बोली मम्मी.. मेरी बात सच साबित हुई। देखना उन्हें (आसाराम बापू) को सजा भी जरूर होगी और तभी मुझे आत्मिक शांति भी मिलेगी।
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दुकान पर बैठे पीड़िता के भाई को बेल खारिज होने की सूचना आश्रम के पूर्व सेवादार शिवनाथ ने दी। समाचार सुनते ही वह घर गया और मां से लिपट गया। बहन को देख उसकी आंखों में आंसू आ गए।
पीड़ित छात्रा की मां ने समाचार देख जोधपुर गए अपने पति को फोन लगाया। मोबाइल स्विच ऑफ होने के कारण उनसे जमानत खारिज होने की खुशियां नहीं बांटी जा सकी।
पीड़ित छात्रा की मां आसाराम बापू की जमानत खारिज होने से बेहद खुश हैं। जागरण से बातचीत में बोलीं, लोग उनकी बेटी को झूठा बता रहे थे लेकिन ईश्वर और अदालत पर पूरा भरोसा था। इसीलिए जमानत खारिज कराने के लिए अनुष्ठान किया। ईश्वर ने हमारी प्रार्थना सुन ली। अदालत ने भी बापू का फरेब पकड़ लिया और जमानत खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि यह सत्य की जीत है। आगे भी झूठ हारेगा।
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