मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े स्टिंग से फजीहत पर पर्दा डालने की कोशिश
कवाल में मलिकपुरा निवासी गौरव व सचिन की हत्या में गिरफ्तार सात संदिग्ध आरोपियों को छोड़ने के खुलासे से जनपद में भी सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के लिए स्टिंग गले की हड्डी बन रहा है।
मुजफ्फरनगर, जासं। कवाल में मलिकपुरा निवासी गौरव व सचिन की हत्या में गिरफ्तार सात संदिग्ध आरोपियों को छोड़ने के खुलासे से जनपद में भी सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के लिए स्टिंग गले की हड्डी बन रहा है।
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सपा सरकार की मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर हुई किरकिरी के बाद स्टिंग ने और दुश्ववारियां बढ़ा दी हैं। 27 अगस्त को मलिकपुरा निवासी गौरव व सचिन की हत्या के चंद घंटे बाद ही डीएम सुरेंद्र सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी का तबादला कर दिया। बताते हैं कि बाद में पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ दिया। माहौल गर्माता रहा और जिला हिंसा की आग में धधक उठा।
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मंगलवार को एक टीवी चैनल के स्टिंग ने मुजफ्फरनगर समेत पूरे प्रदेश में भूचाल ला दिया। जिससे सरकारी मशीनरी हिल गई। अफसर अपने बचाव में कानाफूसी करते रहे तो कुछ थानेदारों को हटा दिया गया। आरोप है कि चैनल कर्मियों के सामने इन अफसरों ने सच कबूला। टीवी चैनल ने एसपी क्राइम कल्पना सक्सेना, सीओ जानसठ जगत राम जोशी, एसडीएम जानसठ एके त्रिपाठी, फुगाना, भोपा, मीरापुर के प्रभारी निरीक्षकों के हवाले से चौंकाने वाला खुलासा किया। बुधवार रात नौ बजे भी दंगा पार्ट-टू का प्रसारण किया गया। जिसको लेकर लोगों की निगाहें लगी रहीं। अफसरों के फोन लखनऊ तक घनघनाते रहे।
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प्रसारण होते ही नगर की बत्ती गुल
मुजफ्फरनगर दंगा पार्ट टू का प्रसारण बुधवार रात नौ बजे होने की खबरें दिन भर चलती रहीं। रात नौ बजे से पहले ही मुजफ्फरनगर में बत्ती गुल हो गई। जिसको लेकर चैनल का दावा है कि प्रशासन ने सच्चाई से पर्दा हट जाने के भय से बत्ती गुल कराई गई हो, जबकि जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा सोमवार को पत्रकारों से दावा कर चुके थे कि मुजफ्फरनगर में रात को 12 घंटे बिजली मिलेगी और दिन में सिर्फ आपात कटौती होगी।
स्टिंग से सकते में अफसर
मेरठ। मुजफ्फरनगर हिंसा की दोषी सपा सरकार को केंद्र सरकार चाह कर भी बर्खास्त नहीं कर सकती है। गठबंधन और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के हाथ बांध रखे हैं। राज्य सरकार को सूबे की जनता ही सजा दे सकती है। ये बातें कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डा. निर्मल खत्री ने बुधवार शाम को सिवाया टोल प्लाजा पर प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। डॉ. खत्री दिल्ली से खतौली जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें टोल प्लाजा से आगे नहीं जाने दिया।
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