Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आजम खां दंगों की लपेट में, पढ़ें उनका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

    मुजफ्फरनगर के दंगों को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी सरकार के कद्दावर वजीर आजम खां बुरी तरह घिर गए हैं। उन्होंने 'जागरण' से विशेष बातचीत में स्वीकारा था कि प्रभारी मंत्री के नाते मुजफ्फरनगर के दंगों पर अधिकारियों से संपर्क साधा था, जिन्होंने उनकी एक न सुनी हालांकि बुधवार को पत्रकार

    By Edited By: Updated: Thu, 19 Sep 2013 09:16 AM (IST)

    परवेज अहमद।

    मुजफ्फरनगर के दंगों को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी सरकार के कद्दावर वजीर आजम खां बुरी तरह घिर गए हैं। उन्होंने 'जागरण' से विशेष बातचीत में स्वीकारा था कि प्रभारी मंत्री के नाते मुजफ्फरनगर के दंगों पर अधिकारियों से संपर्क साधा था, जिन्होंने उनकी एक न सुनी हालांकि बुधवार को पत्रकारों से उन्होंने कहा कि अगर कोई उनके नाम से अफसरों को फोन करे तो वह क्या कर सकते हैं। इस्तीफे की मांग और सवालों में घिरे आजम के तेवर कमजोर हुए हैं। वह अपनी दंगों के सिलसिले में अपनी भूमिका की सफाई दे रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अफसरों को राय दी थी, मगर उन्होंने एक न सुनी

    मेरा दिल तपड़पता रहा। प्रभारी मंत्री के नाते अफसरों से कहता रहा, उन्हें राय देता रहा, मगर उस पर अमल नहीं हुआ। कुर्सी पर बैठकर अफसर तो कहलाया जा सकता है लेकिन अफसरी नहीं की जा सकती। मुजफ्फरनगर में भी इनसे लापरवाहियां हुईं।

    मुजफ्फरनगर क्यों नही गए?

    बगैर गये इस कदर इल्जाम हैं। मैं, न जाकर भी हर धर्म, जाति के मजलूमों की मदद की कोशिश में हूं। दिल, दिमाग से वहीं मौजूद हूं, जल्द जाऊंगा भी..। पार्टी या सरकार कहीं गलती करेगी तो मुसलमानों के चौकीदार के रूप में हमेशा खड़ा मिलूंगा।

    सपा और मुसलमानों से रिश्ते

    लोग हल्की बातें कर रहे हैं। मुसलमानों का सपा से गहरा रिश्ता है। मुसलमानों को किसी राजनैतिक दल की नहीं, राजनैतिक दलों को मुसलमानों की जरूरत है।

    मोदी की पीएम पद के लिए दावेदारी

    यह भाजपा का मामला है। मगर, देखिए, कातिल के जन्मदिन की खुशियां मनीं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ायी गयी, वह भी मुख्यमंत्री फंड से। मदरें को बुर्का पहनाकर खड़ा किया गया, फासिस्ट ताकतों को बुर्के और टोपी की सियासत रास आने लगी है।

    सपा कार्यकारिणी में गैरहाजिरी

    किसी ने बुलाया नहीं, किन्ही वजहों से गया नहीं। उस बात को अफसाना बना दिया गया।

    पार्टी व मुख्यमंत्री से नाराजगी

    मुलायम सिंह यादव ने धर्म निरपेक्षता के लिए बहुत कुर्बानी दी है। उनके साथ मेरा जज्बाती और वैचारिक रिश्ता है। एक दूसरे के लिए कुछ भी करने का जज्बा है। सरकार में मेरे अदब, एहतराम में कोई कमी नहीं है। विभागों में मेरे अख्तियार में कमी नहीं। समाजवादी पार्टी में सबको सुनने और बर्दाश्त करने की काबिलियत है। मुख्यमंत्री से जिस सूझ-बूझ की उनसे उम्मीद है, वह उससे बेहतर की कोशिश कर रहे हैं। इतना उर्जावान और धैर्यवान मुख्यमंत्री या नेता किसी दूसरे दल के पास नहीं है।

    अपनी तुनक मिजाजी

    मुझसे जोड़कर कुछ कहने का फैशन चल गया है। मैं, दीवार या पत्थर का टुकड़ा नहीं, इंसान हूं। अगर उसूलों के खिलाफ बात होगी तो फिर कहूंगा, बोलूंगा और नाराज भी होऊंगा। खामोश नहीं रह सकता। मेरे पास खोने के लिए वजारत (मंत्री पद) के सिवाय और कुछ नहीं।

    मैं बेगुनाह

    जाब्यू, लखनऊ । मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपों से घिरे संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने खुद को निर्दोष बताते हुए राजनीतिक षडयंत्र की आशंका जाहिर की। अलबत्ता पूरे मामले की जांच कराने के सवाल को आजम खां चुप रहकर टाल गए।

    आजम ने कहा कि मेरे नाम से कोई फोन करे तो इसमें मेरा दोष नहीं है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में आजम ने कहा कि किसी गुनाहगार को छोड़ने की सिफारिश उन्होंने कभी नहीं की। मुजफ्फरनगर दंगे के मुजरिमों को छोड़ने को फोन करने के आरोप भी बेबुनियाद है। चाहे तो काल डिटेल निकाल कर पड़ताल की जा सकतीे है। मैने किसी को फोन नहीं किया है। मैं अदना सा आदमी हूं, मेरी इतनी मजाल कहां जो मै किसी गुनाहगार को छोडऩे की सिफारिश करूं।

    आजम का कहना था कि उनका सियासी जीवन पाकसाफ रहा है। उनकी छवि खराब करने का साजिश रची जा रही है। यह वक्त तनाव भरे माहौल में पेट्रोल डालने का नही है। मै इस बारे में किसी को न ही अधिक सफाई दूंगा और न ही किसी पर गुस्सा करूंगा।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर