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उत्तर प्रदेश पर बरसी केंद्र की इनायत

केंद्र की मोदी सरकार उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार पर मेहरबान नजर आ रही है। राज्य में मानसून के न आने से सूखे जैसी गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष तौर पर मदद की गुहार लगाई थी। सूखे जैसी आपदा को देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी ने नियमों में ढी

By Edited By: Published: Fri, 18 Jul 2014 08:37 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jul 2014 08:02 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार पर मेहरबान नजर आ रही है। राज्य में मानसून के न आने से सूखे जैसी गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष तौर पर मदद की गुहार लगाई थी। सूखे जैसी आपदा को देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी ने नियमों में ढील देने का फैसला किया और राज्य को पेयजल व स्वच्छता मद की पहली किश्त की पूरी राशि जारी करने का आदेश दिया है।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हीं मदों में पूर्व में जारी केंद्रीय धनराशि के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र अभी तक नहीं भेजा है। नियमानुसार पिछली किश्तों की धनराशि के खर्च होने के बाद ही केंद्र अगली किश्तें जारी करता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड जैसे अति पिछड़े व सूखा प्रभावित जोन के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय से चालू वित्त वर्ष 2014-15 के बजट से सभी मदों में धनराशि जारी करने का आग्रह किया था। सरकार की ओर से यह पत्र तीन जुलाई को लिखा गया था। धन के अभाव में चल रही परियोजनाओं के बंद होने की आशंका थी। इससे सूखा प्रभावित गरीब लोगों के रोजगार छिन जाता। ग्रामीण विकास मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे नितिन गडकरी ने राज्य सरकार के आग्रह पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पहली किश्त की पूरी राशि 32 करोड़ जारी कर दी है। अन्य योजनाओं के मद की राशि भी जल्दी ही जारी की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने अपने इसी पत्र में यह स्वीकार भी किया है कि एक अप्रैल, 2014 तक पूर्व में जारी 439.11 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो सके हैं।

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