भारत की विकास दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान: संयुक्त राष्ट्र
सरकारी बैंकों में बढ़ते एनपीए के कारण वित्तीय क्षेत्र से जुड़े जोखिम के प्रति आगाह किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल भारत की आर्थिक विकास दर 7.1 प्रतिशत और अगले साल 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (इस्केप) की 'एशिया-प्रशांत क्षेत्र का आर्थिक व सामाजिक सर्वे 2017' में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक निजी और सार्वजनिक खपत ज्यादा रहने और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ने की वजह से आर्थिक वृद्धि दर को ताकत मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है, 'नोटबंदी से उपभोग और बुनियादी ढांचा खर्च बढ़ेंगा, जिसके कारण इस साल विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।' नियंत्रण में रहेगी महंगाई रिपोर्ट के अनुसार 2017 और 2018 में महंगाई दर 5.3-5.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है, जो 4.5-5 प्रतिशत के आधिकारिक आंकड़ों से कुछ ज्यादा है।
बैंकिंग सेक्टर में जोखिम
हालांकि रिपोर्ट में सरकारी बैंकों में बढ़ते एनपीए के कारण वित्तीय क्षेत्र से जुड़े जोखिम के प्रति आगाह किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 2016 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए बढ़कर लगभग 12 प्रतिशत हो गया। रिपोर्ट में बैंकों में और पूंजी डालने की जरूरत को रेखांकित किया गया है। कहा गया है कि नोटबंदी के कारण 2016 के आखिर और 2017 की शुरआत में आर्थिक गतिविधियों पर असर हुआ। नकदी की कमी के कारण वेतन भुगतान में देरी हुई, जबकि औद्योगिक क्षेत्र में कच्चा माल खरीद में भी देरी हुई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।