सुप्रीमकोर्ट एक साथ करेगा आसाराम की दोनों जमानत याचिकाओं पर सुनवाई
सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस एके सीकरी और एनवी वर्मा की पीठ ने सोमवार को जोधपुर के अन्य मामले के साथ याचिका को जोड़ते हुए कहा, 'विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) के साथ सूचीबद्ध करें ..।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सूरत की एक महिला के साथ दुष्कर्म के 2013 के मामले में आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई, जोधपुर में दर्ज एक अन्य मामले में दायर उनकी इसी तरह की याचिका के साथ की जाएगी।
सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस एके सीकरी और एनवी वर्मा की पीठ ने सोमवार को जोधपुर के अन्य मामले के साथ याचिका को जोड़ते हुए कहा, 'विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) के साथ सूचीबद्ध करें ..।' शीर्ष अदालत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से पहले ही आसाराम का मेडिकल चेकअप कराने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन करने के लिए कह चुकी है।
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ताकि राजस्थान में उनके खिलाफ दर्ज मामले में उनकी जमानत याचिका का निस्तारण किया जा सके। आसाराम फिलहाल राजस्थान की जेल में बंद हैं। जोधपुर के आश्रम में कथित रूप से एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में उन्हें पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली यह लड़की आश्रम में छात्रा थी।
जबकि, सूरत के मामले में आसाराम ने जुलाई 2014 में इस आधार पर जमानत की मांग की थी कि गुजरात पुलिस उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। याचिका में उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामले में उनके खिलाफ आरोप दुर्भावना के इरादे से लगाए गए हैं। आसाराम का कहना था कि कथित अपराध के 12 साल बाद दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई थी। यही नहीं, कथित दुष्कर्म 2001 में हुआ था और पीडि़ता 2007 तक उनके आश्रम में रहती रही। बता दें कि सूरत की रहने वाली दो बहनों ने आसाराम और उनके पुत्र नारायण साई के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं।
इसमें अन्य आरोपों के अलावा उनके खिलाफ दुष्कर्म और गैरकानूनी रूप से बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया गया था। बड़ी बहन ने अपनी शिकायत में कहा था कि आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच अहमदाबाद के नजदीक आश्रम में उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया।
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