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    गिरफ्तार डॉ. का आरोप, कहा- 'खराब दवाओं की वजह से हुईं मौतें'

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Fri, 14 Nov 2014 04:14 AM (IST)

    छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी के बाद 13 महिलाओं की मौत मामले में बुधवार देर रात गिरफ्तार किए गए आरोपी सर्जन डॉ. आरके गुप्ता और प्रभारी सीएमओ डॉ. आरके भांगे को बर्खास्त कर दिया गया है। इस बीच डॉ. आरके गुप्ता ने आरोप लगाया है कि पूरे मामले में उन्हें

    रायपुर, नई दुनिया ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी के बाद 13 महिलाओं की मौत मामले में बुधवार देर रात गिरफ्तार किए गए आरोपी सर्जन डॉ. आरके गुप्ता और प्रभारी सीएमओ डॉ. आरके भांगे को बर्खास्त कर दिया गया है। इस बीच डॉ. आरके गुप्ता ने आरोप लगाया है कि पूरे मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है। महिलाओं की मौत की असली वजह दवाए हैं। प्रदेश सरकार ने महिलाओं को खराब गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराई थीं जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। स्वास्थ्य प्रशासन के आला अधिकारी भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। डॉ. गुप्ता को कोर्ट ने जेल भेज दिया। वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।

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    पेंडारी गांव स्थित नेमीचंद जैन चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल में आठ नवंबर को प्रभारी सीएमओ डॉ. भांगे की देखरेख में आयोजित नसबंदी शिविर में 83 महिलाओं के ऑपरेशन दूरबीन पद्धति से डॉ. गुप्ता ने किए थे। ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई थी और कई गंभीर अवस्था में विभिन्न अस्पतालों में उपचाररत हैं। बृहस्पतिवार को डॉ. गुप्ता को जब कोर्ट ले लाया जा रहा था तो इस दौरान वह गश खाकर गिर गए। इलाज के बाद उन्हें कोर्ट ले जाया गया। इस तरह की भी खबरें आ रही हैं कि ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जो दवाइयां वितरित की गई थीं, उनकी उचित तरीके से जांच नहीं की गई थी। मौत के पीछे असली कारण क्या है, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।

    दवाओं के सैंपल लिए गए

    डॉ. गुप्ता के आरोपों के बाद प्रदेश सरकार ने उन दवाओं के सैंपल लेकर कोलकाता स्थित लैब भेजे हैं, जिन्हें महिलाओं को दिया गया था। इसके अलावा जिला स्तर पर जिन कंपनियों द्वारा दवाओं की आपूर्ति की गई, उन्हें भी जांच के घेरे में लाया जा रहा है।

    शासन से खफा आइएमए

    पूरे मामले में शासन की एकतरफा कार्रवाई से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) खफा है। उसका कहना है कि घटिया दवा की आपूर्ति करने वाली एजेंसी के बजाय सर्जन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना ठीक नहीं है। आइएमए ने 14 नवंबर को बिलासपुर जिले में चिकित्सा व्यवसाय को बंद रखने का एलान कर दिया है।

    एमनेस्टी व ह्यूमन राईट वॉच ने जताया दुख

    अंतरराष्ट्रीय एनजीओ एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नसबंदी कांड पर दुख जताते हुए कहा है कि भारत में परिवार नियोजन से जुड़ी संस्थाओं को मानवाधिकार कानूनों का पालन सुनिश्चित कराना चाहिए। मौतों की बिना किसी पक्षपात के जांच हो। वहीं ह्यूमन राईट वॉच ने कहा कि भारत में स्वास्थ्यकर्मियों पर नसबंदी का ज्यादा से ज्यादा लक्ष्य पूरा करने का दबाव डाला जा रहा है, जो मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन है।

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