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    अब रेल टिकट पर लिखना होगा नाम व पता

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    Updated: Fri, 06 Sep 2013 07:48 PM (IST)

    [प्रेमनारायण द्विवेदी]। गोरखपुर सफर के दौरान यात्रियों की पहचान आसान बनाने के लिए रेलवे ने आरक्षित टिकट का कलेवर बदल दिया है। अब टिकट पर यात्री को अपना एवं अपने संबंधी का नाम-पता दर्ज करना होगा। यह व्यवस्था आपातकाल के दौरान यात्रियों की पहचान में होने वाली कठिनाई को ध्यान में रखकर बनाई गई है। पूर्वोत्तर रेलवे

    [प्रेमनारायण द्विवेदी]। गोरखपुर सफर के दौरान यात्रियों की पहचान आसान बनाने के लिए रेलवे ने आरक्षित टिकट का कलेवर बदल दिया है। अब टिकट पर यात्री को अपना एवं अपने संबंधी का नाम-पता दर्ज करना होगा। यह व्यवस्था आपातकाल के दौरान यात्रियों की पहचान में होने वाली कठिनाई को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

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    पढ़े : मुफ्त रेल सफर पर रेलवे बोर्ड की नजर

    पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर तीन सितंबर से नए कलेवर में आरक्षित टिकट जारी किए जा रहे हैं। शुरुआती दौर में नाम-पता और टेलीफोन नंबर दर्ज करने को कुछ यात्री अतिरिक्त कागजी दबाव मान रहे हैं लेकिन आमतौर पर इसके प्रति उत्सुकता बढ़ी है। टिकट के पीछे बड़े अक्षरों में अंकित 'आम हिदायतें' को समाप्त कर अब दस बिंदुओं पर यात्रियों के लिए सूचना दर्ज की गई है। इसके जरिये यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है। टिकट के आधे हिस्से के नीचे हिंदी और अंग्रेजी में नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज करने के कालम बनाए गए हैं। कालम के ऊपर लिखा गया है कि 'आपातकाल के समय निम्नलिखित व्यक्ति से दिए गए पते पर संपर्क करें'। सबसे नीचे लिखा है कि 'यात्री द्वारा भरा जाए'। यानी, टिकट लेने के बाद यात्रियों को स्वयं पता, नंबर आदि भरने होंगे।

    पिछले साल तक आरक्षित टिकटों के किनारे और पीछे विज्ञापन छपे रहते थे। रेलवे ने विज्ञापनों को हटाकर टिकट का साइज छोटा कर पीछे यात्रियों के लिए हिंदी और अंग्रेजी में आम हिदायतें दर्ज करने का कालम बना दिया है।

    दरअसल, कई रेल दुर्घटनाओं में घायलों और मृतकों की पहचान करने में रेलवे प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसका कारण यह था कि टिकट पर यात्री के संबंध में कोई जानकारी नहीं होती थी। यात्रा के दौरान टिकट निरीक्षक के चार्ट में भी सिर्फ यात्री का नाम, पीएनआर, कोच तथा बर्थ नंबर ही दर्ज रहते हैं। ऐसे में आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों की पहचान मुश्किल हो जाती है।

    पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ आलोक कुमार सिंह ने कहा, 'रेलवे यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और संरक्षा को लेकर हमेशा तत्पर रहती है। रेलवे बोर्ड की नई पहल मील का पत्थर साबित होगी। यात्रियों को भी जागरूक होने की जरूरत है। वे टिकट पर प्राथमिकता के आधार पर अपना नाम और पता आदि दर्ज करें।'

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