दिल्ली में तोमर से छिना गृह विभाग
सूबे की केजरीवाल सरकार को हुकूमत संभाले अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए और मंत्रियों के विभागों में तब्दीली शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सूबे की केजरीवाल सरकार को हुकूमत संभाले अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए और मंत्रियों के विभागों में तब्दीली शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महत्वपूर्ण समझा जाने वाला गृह विभाग जितेंद्र तोमर से लेकर सत्येंद्र जैन को दे दिया है। अपनी वकालत की डिग्री को लेकर सुर्खियों में आए तोमर से महत्वपूर्ण विभाग लिया जाना यह संकेत है कि उनके सामने आने वाले दिनों में और भी परेशानी खड़ी होने वाली है।
सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री केजरीवाल गृह विभाग के मंत्री के तौर पर तोमर के कामकाज से बहुत खुश नहीं थे। शायद यही वजह है कि उन्होंने अपने बेहद करीबी कहे जाने वाले मंत्री सत्येंद्र जैन को यह जिम्मेदारी सौंपी है। बदले में गुरुद्वारा प्रबंधन का विभाग जैन से लेकर तोमर को सौंपा गया है। उनके पास अब इसके अलावा पर्यटन, कला संस्कृति और विधि व न्याय विभाग रहेंगे।
गृह विभाग के माध्यम से ही दिल्ली पुलिस की तमाम फाइलें उपराज्यपाल को जाती हैं। जाहिर तौर पर दिल्ली पुलिस पर अपना नियंत्रण बढ़ाने की कवायद में जुटे मुख्यमंत्री के लिए गृह विभाग एक बेहतर माध्यम है। इस मामले में महत्वपूर्ण यह भी है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि उपराज्यपाल को जाने वाली दिल्ली पुलिस की तमाम फाइलें, मुख्यमंत्री कार्यालय से होकर गुजरनी चाहिए।
आप में उठापटक का असर सरकार पर दिखा
सियासी जानकारों का कहना है कि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करना मुख्यमंत्री का अधिकार है और वह कभी भी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इतना जरूर है कि सरकार बनने के दो महीने के भीतर ही इस प्रकार के परिवर्तन से निश्चित रूप से मंत्री व सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा होता है। कहा यह भी जा रहा है कि दिल्ली में सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) में शुरू हुई उठापटक का असर अब सरकार पर भी दिखने लगा है।
जानिए, कौन हैं जितेंद्र तोमर
जितेंद्र तोमर ने वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी। इससे पहले वह कांग्रेस में थे। उन्होंने वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव त्रिनगर विधानसभा सीट से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली थी। पिछले चुनाव में वह जीत दर्ज करने में सफल रहे। उन्होंने एलएलबी की डिग्री तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर से प्राप्त की। उनकी इसी डिग्री को लेकर विवाद चल रहा है। यह मामला फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट में है।
पढ़ेंः तोमर पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप

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