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    'आप' के कानून मंत्री पर चलेगा फर्जी डिग्री का मुकदमा

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Sat, 14 Mar 2015 09:35 AM (IST)

    सोमनाथ भारती के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के एक और कानून मंत्री विवादों के घेरे में हैं। फर्जी स्नातक डिग्री रखने के आरोप में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। सोमनाथ भारती के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के एक और कानून मंत्री विवादों के घेरे में हैं। फर्जी स्नातक डिग्री रखने के आरोप में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर पर मुकदमा चलाया जाएगा। हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर फर्जी डिग्री से संबंधित याचिका वापस लेने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया है।

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    याचिका में तोमर पर स्नातक की फर्जी डिग्री के आधार पर वकील के रूप में पंजीकरण कराने का आरोप लगाया गया है। न्यायाधीश राजीव शकधर ने तोमर, उत्तर प्रदेश के फैजाबाद स्थित अवध विश्वविद्यालय और बिहार के मुंगेर स्थित विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी कॉलेज को नोटिस जारी कर 27 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। मालूम हो कि आप सरकार के पिछले कार्यकाल में कानून मंत्री रहे सोमनाथ भारती भी विदेशी महिलाओं के घर छापा मारने के मामले में कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे हैं।

    क्या यह सब दबाव डालने के तरीके हैं: अदालत

    अदालत ने कहा कि अधिवक्ता संतोष शर्मा द्वारा दायर याचिका दिलचस्प है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि एक वकील ने पहले याचिका दायर की और वह अब इसे वापस लेना चाहता है। क्या यह सब लोगों पर दबाव डालने के तरीके हैं? खंडपीठ ने कहा कि मामले में अभी प्रतिवादियों को रुख स्पष्ट करना है। लिहाजा अर्जी वापस नहीं ली जा सकती है।

    इससे पहले अदालत ने चार फरवरी को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) व बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शुक्रवार को दोनों पक्ष अदालत में हाजिर हुए। बार काउंसिल के सदस्यों ने बताया कि अवध विश्वविद्यालय के पास जितेंद्र तोमर की स्नातक डिग्री से संबंधित कोई रिकार्ड नहीं है। उनकी डिग्री कथित तौर पर फर्जी है। बीसीआइ के सदस्यों ने कहा कि अगर अदालत याचिका को वापस लेने की इजाजत देना चाहती है तो वह मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे। इस बीच, याचिकाकर्ता संतोष शर्मा ने मामले में अर्जी दाखिल कर अदालत से याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी थी। संतोष की ओर से दलील दी गई थी कि जो मामला उन्होंने अपनी याचिका में उठाया था, उसका समाधान बीसीडी के पास है।

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