कश्मीर मुद्दे का बंधक नहीं बनना चाहिए भारत-पाक का रिश्ता
पाकिस्तान यह देखना नहीं चाहेगा कि भारत से उसके रिश्ते कश्मीर मुद्दे के बंधक बनकर रहें। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित रविवार को यहां य ...और पढ़ें

हैदराबाद। पाकिस्तान यह देखना नहीं चाहेगा कि भारत से उसके रिश्ते कश्मीर मुद्दे के बंधक बनकर रहें। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित रविवार को यहां यह बात कही। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत की प्रक्रिया फिर बहाल होगी। बासित ने दोनों देशों द्वारा संघर्षविराम समझौते का पालन करने के महत्व को रेखांकित किया।
बासित ने हैदराबाद प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में कहा, "यदि आप याद करें तो समग्र वार्ता के कुल दस खंड हैं। कश्मीर उनमें से एक है। हम लोग यह नहीं चाहेंगे कि हमारे रिश्ते उस एक मुद्दे के बंधक बनें। हम लोग बातचीत करना पसंद करेंगे और चाहेंगे कि इस मुद्दे के समाधान के लिए गंभीर प्रयास किए जाएं।"
उन्होंने कहा, "विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि कूटनीति में पूर्ण विराम नहीं होता। मैं उनसे सहमत हूं कि कूटनीति में आप पूरी तरह इसे समाप्त नहीं कर सकते। इसलिए, हम उम्मीद करें कि मौके आएंगे। इसीलिए, मुझे उम्मीद है।"
यह पूछे जाने पर कि बातचीत की प्रक्रिया में अलगाववादी समूहों को शामिल करने के बजाय पाकिस्तान से सीधे बातचीत के भारत के विचार पर पाकिस्तान का क्या रुख है? बासित ने कहा कि जम्मू-कश्मीर दोनों देशों के बीच एक समस्या है और दोनों देशों को शांति स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर दोनों देशों के बीच एक समस्या है। यह समग्र बातचीत की प्रक्रिया का हिस्सा है। इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि जब भी हम बातचीत की प्रक्रिया को बहाल करेंगे तो हम पूर्व की उपलब्धियों के आधार पर आगे बढ़ेंगे। क्योंकि, शांति हमारे पारस्परिक हित में है।"

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