नीतीश के समर्थन में राजद विधायकों का इस्तीफा
बिहार में मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद आए सियासी भूचाल ने एक बार फिर राजद की धरती हिला दी। एक दिन पहले ही पार्टी में लौटे राजद के तीन विधायकों ने रविवार को नीतीश कुमार को समर्थन देने के लिए इस्तीफा दे दिया। राजद विधायक सम्राट चौधरी, जावेद इकबाल अंसारी और रामलषण राम रमण ने पार्टी के साथ वि
पटना, जागरण ब्यूरो। बिहार में मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद आए सियासी भूचाल ने एक बार फिर राजद की धरती हिला दी। एक दिन पहले ही पार्टी में लौटे राजद के तीन विधायकों ने रविवार को नीतीश कुमार को समर्थन देने के लिए इस्तीफा दे दिया। राजद विधायक सम्राट चौधरी, जावेद इकबाल अंसारी और रामलषण राम रमण ने पार्टी के साथ विधानसभा की सदस्यता भी छोड़ दी। तीनों ने अपना इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को सौंपा, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इधर, जदयू-राजद गठबंधन के दावे को लालू प्रसाद ने सिरे से नकार दिया है।
राजद सुप्रीमो ने कहा कि जदयू से हाथ मिलाने की बात सरासर अफवाह है। अपने अंदाज में लालू बोले, 'सबकुछ बकवास है। बिल्कुल बेसलेस। नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया है। यह जदयू का अंदरूनी मामला है। इससे हमारा कोई सरोकार नहीं है। ऐसी भी कोई बात नहीं है कि हम जदयू के साथ बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। पता नहीं क्या-क्या खबर कहां-कहां से आ जाती है?' उन्होंने कहा कि मैंने व्यापक संदर्भ में धर्मनिरपेक्ष गोलबंदी की बात जरूर कही थी, जिसे बिहार में सरकार से जोड़ दिया गया। इससे पहले राजद विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए आधार संख्या और कम हो गई है। सम्राट चौधरी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं तो हम क्यों नहीं?
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'बिहार में सरकार बनाने के लिए मेरी शरद से कोई बात नहीं हुई है। जदयू के बाद मैं अपना पत्ता खोलूंगा।' -लालू प्रसाद यादव, राजद अध्यक्ष
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