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    लालू के साथ गठबंधन को शरद ने किया इंकार, बोले.यह झूठ है

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    Updated: Mon, 19 May 2014 08:02 AM (IST)

    लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार पर बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद उनकी मान-मनौव्वल जारी है। शनिवार को पार्टी अध्यक्ष शरद यादव के ' ...और पढ़ें

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    पटना, जागरण ब्यूरो। लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार पर बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद उनकी मान-मनौव्वल जारी है। शनिवार को पार्टी अध्यक्ष शरद यादव के 'नए चेहरे' की घोषणा के बावजूद रविवार को हुई विधानमंडल की बैठक में विधायक व विधान पार्षदों ने नीतीश को ही दुबारा अपना नेता चुना। हालांकि एक स्वर में इस्तीफा वापस लेने की मांग के बाद भी नीतीश कुमार नहीं मानें और अंतिम फैसले के लिए 24 घंटे का समय मांगा। सोमवार को उनके न मानने की स्थिति में पार्टी अपना नया नेता चुनेगी। इस दौरान नीतीश के समर्थकों ने आवास के सामने धरना शुरू कर दिया और शरद यादव के इस्तीफे की मांग की। केंद्र सरकार फिलहाल बिहार राज्यपाल की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

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    नीतीश कुमार के फैसले के बाद रविवार शाम होने वाली विधानमंडल की बैठक से पहले ही उनके समर्थकों ने आवास को घेर लिया। वे भीतर जाने वाले हर विधायक को चेतावनी दे रहे थे कि किसी भी हालत में दूसरे नेता के नाम पर विचार न करें। बैठक में शामिल होने आए जदयू अध्यक्ष शरद यादव व नरेंद्र सिंह को भी कार्यकर्ताओं का कड़ा विरोध झेलना पड़ा। उनके खिलाफ नारेबाजी व धक्का-मुक्की तक हुई। सुरक्षाबलों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों नेताओं को मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश कराया। बैठक के बाद बाहर निकले जदयू नेता रमई राम के साथ भी कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की की। इस दौरान पार्टी की गुटबाजी भी सामने आ गई। कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह के आवास पर कुछ विधायक बैठक करते दिखे तो शरद यादव के समर्थन में आने वाले विधायकों ने भी गोपनीय बैठक की। इस बात की भी चर्चा रही कि शरद, नीतीश की राह में अड़ंगा लगा रहे हैं। इससे नाराज बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने भी सड़क पर प्रदर्शन किया और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की। पटना एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान नालंदा निवासी जदयू समर्थक दिलीप कुमार ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस व अन्य समर्थकों ने उसे रोक लिया। बैठक के बाद इस बात की भी चर्चा रही कि नीतीश के बाद कौन? विधायकों का मानना है कि जनता ने उनके नाम पर वोट दिया था और जनादेश का अपमान नहीं होना चाहिए। सोमवार दोपहर तीन बजे जदयू विधानमंडल दल की बैठक होगी।

    गठजोड़ के लिए जदयू अध्यक्ष शरद यादव के लालू से बातचीत करने के दावे को राजद सुप्रीमो ने नकार दिया। उन्होंने कहा कि उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है। जबकि बिहार भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के आवास पर बैठक के बाद पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल डीवाई पाटिल से मिला और विधायकों की परेड कराने की मांग की। जबकि कांग्रेस के विधायकों की सोमवार को बैठक होनी है। गृह मंत्रालय सूत्रों के अनुसार केंद्र फिलहाल स्थिति पर नजर रखे है और राज्यपाल की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। जबकि बिहार में अन्य दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं।

    दूसरी ओर बिहार में चल रहे इस राजनीतिक हलचल को देखते हुए सुशील मोदी के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात कर बिहार में चल रहे विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने को कहा।

    इस बीच राजद के तीन विधायकों सम्राट चौधरी, जावेद इकबाल और राम लखन राम ने इस्तीफा दे दिया है। ये तीनों पहले ही पार्टी से बगावत कर जदयू के पाले में चले गए थे।

    वहीं, सेक्यूलर ताकतों को एकजुट करने के नाम पर भाजपा विरोधी पार्टियों को जोड़ने की कवायद के बीच यह चर्चा भी बुलंदी पाती रही कि शरद यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद से जदयू को समर्थन देने के लिए तीन बार बात की है। हालांकि लालू प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में शरद यादव के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। लालू प्रसाद ने कहा कि उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है।

    जहां तक जदयू के लिए नेता चुनने की बात है, यह उनकी पार्टी का निजी मामला है। इधर, भाजपा के विधायक वरीय नेता सुशील कुमार मोदी के आवास पर बैठे। मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति पर व्यापक चर्चा की। कांग्रेस के विधायकों की सोमवार को बैठक होनी है।

    उधर, बिहार भाजपा प्रभारी धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को दिल्ली में भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी महासचिव अमित शाह और राजनाथ सिंह के विश्वस्त जेपी नड्डा से मुलाकात कर राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा की।

    उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 243 है और वर्तमान में कुल 241 सदस्य हैं। बहुमत के लिए 121 विधायकों की जरूरत है और जदयू के पास विधानसभा अध्यक्ष सहित 117 सदस्य हैं। भाजपा के पास 90, राजद के 24, कांग्रेस के 4 (सरकार को समर्थन), निर्दलीय 5 (इनमें से तीन का सरकार को समर्थन), भाकपा के 1 (सरकार को समर्थन) सदस्य हैं।

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    'नीतीश कुमार ने पुरखों के सिद्धांत पर फैसला किया है। आप उनका निर्णय स्वीकार कीजिए। नीतीश ही पार्टी का चेहरा हैं।' -शरद यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

    'मैंने पार्टी हित में ये फैसला किया है। जनादेश ने राजनीतिक चुनौतियां पेश की हैं, जिससे निपटने के लिए इस्तीफा दिया।' -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार

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