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    ...तो इस वजह से शेख हसीना की अगवानी करने एयरपोर्ट पहुंचे थे पीएम मोदी

    By Digpal SinghEdited By:
    Updated: Sat, 08 Apr 2017 12:14 PM (IST)

    बांग्लादेश हमारा मित्र राष्ट्र है। बांग्लादेश के मामले में एक और बात है, वह यह कि ये देश पीएम मोदी की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' में फिट बैठता है।

    ...तो इस वजह से शेख हसीना की अगवानी करने एयरपोर्ट पहुंचे थे पीएम मोदी

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचीं। पीएम नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए बिना किसी लाव लश्कर के उनकी अगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए। उन्होंने ऐसी गर्मजोशी इससे पहले तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और यूएई के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन जायद अल नाहयन के लिए दिखायी थी। ऐसे में प्रश्न उठता है कि पीएम मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को आखिर इतनी तवज्जो क्यों दी।

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    शेख हसीना का गर्मजोशी से स्वागत

    भारत में कहावत है, 'मेहमान भगवान होता है।' शेख हसीना देश की मेहमान बनकर आई हैं तो उनका गर्मजोशी से स्वागत तो होना ही चाहिए। वैसे बांग्लादेश मित्र राष्ट्र है। बांग्लादेश के मामले में एक और बात है, वह यह कि ये देश पीएम मोदी की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' में फिट बैठता है।

    क्या है 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी'

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से सत्ता संभाली है वे हमेशा 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' की बात करते हैं। दरअसल एक्ट ईस्ट पॉलिसी में भारत का ध्यान सिर्फ उन देशों पर नहीं है जिनके बॉर्डर भारत से लगते हैं। बल्कि इसके तहत समूचे एशिया प्रशांत क्षेत्र को लिया जाता है। एक्ट ईस्ट पॉलिसी में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तर पर एशिया प्रशांत के देशों के साथ आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंध और रणनीतिक संबंध बढ़ाना है।

    एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मकसद अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, मेघालय, नागालैंड जैसे उत्तर पूर्व के राज्यों की पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करना भी है। अरुणाचल प्रदेश और आसियान (ASEAN) देशों के बीच व्यापार, संस्कृति, लोगों के बीच आपसी सहयोग के अलावा सड़क, हवाई सेवा, टेलीकम्‍युनिकेशन और बिजली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना भी इसमें शामिल है। बांग्लादेश के साथ भारत की न सिर्फ सीमा लगती है, बल्कि दोनों देशों की संस्कृति भी घुली-मिली है। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं और बॉर्डर के आर-पार स्थानीय लोगों की रिश्तेदारी भी खूब होती है।


    चीन भी एक बड़ा कारण है

    भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो भी कदम उठाता है उसमें चीन भी एक अहम कारण होता है, खासकर पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्तों को लेकर तो यह और भी जरूरी हो जाता है। बांग्लादेश के साथ भारत के सदियों पुराने रिश्ते होने के बावजूद चीन ने बड़ी तेजी से इस देश में अपने पैर पसारे हैं। चीन इस समय बांग्लादेश का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता देश है। यही नहीं चीन भारत को हर तरफ से घेरने की अपनी मुहिम के तहत बांग्लादेश में लगातार निवेश बढ़ा रहा है। ऐसे में पीएम मोदी की तत्परता और गर्मजोशी बांग्लादेश में चीन की बढ़ती पैठ को कम करने की एक कोशिश की तरह भी दिखती है।


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