महंगाई और रेलवे की दुर्दशा के लिए संप्रग सरकार जिम्मेदार: जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को राज्यसभा में बढ़ती महंगाई और रेलवे की दुर्दशा का ठीकरा पूर्व संप्रग सरकार पर फोड़ा। उनके जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया। इसके लिए अलावा सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस और सपा ने भी सदन से वॉकआउट किया।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को राज्यसभा में बढ़ती महंगाई और रेलवे की दुर्दशा का ठीकरा पूर्व संप्रग सरकार पर फोड़ा। उनके जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया। इसके लिए अलावा सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस और सपा ने भी सदन से वॉकआउट किया।
जेटली ने सदन में रेलवे की बदहाली के लिए पूर्व संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेसनीत केंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल में कठोर फैसले नहीं लिए। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार की नीतियों की वजह से रेलवे का घाटा हर साल बढ़ता रहा। यहां तक कि यात्री किराये का घाटा 13 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने रेलवे को घाटे में छोड़ा था इसलिए रेलवे को उबारने के लिए ऐसे कठोर फैसले लेने जरूरी थे। उन्होंने कहा कि रेलवे का किराया बढ़ाने का फैसला फरवरी में लिया गया था, परंतु संप्रग सरकार ने उसे चुनाव तक टाल दिया।
अभी तो 41 दिन ही हुए
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सरकार बने अभी 41 दिन ही हुए हैं, उसने अभी अपनी आर्थिक नीति भी घोषित नहीं की है, फिर भी उसे महंगाई के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत है। जेटली ने कहा कि संप्रग सरकार की गलत नीतियों के कारण यह स्थिति बनी है। सरकार ने कीमतें नियंत्रित करने के कई कदम उठाए हैं और कई कदम उठाने जा रही है। जेटली ने कहा कि कुछ चीजों के दाम बढ़ने से महंगाई नहीं आती। उन्होंने कहा अब तक आप जो देख रहे हैं वो सब संप्रग सरकार का किया कराया है। राजग सरकार का काम तो देश 8 जुलाई को देखेगा जब मोदी सरकार अपना पहला रेल बजट पेश करेगी।
घबराने की जरूरत नहीं
जेटली ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में तो प्याज के दाम 100 रुपये किलो तक पहुंच गए थे। हम महंगाई को गंभीर व संवेदनशील विषय मानते हैं। आलू--प्याज की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
रेलवे की सेहत खराब
जेटली ने रेल मंत्री सदानंद गौड़ा की ओर मुखातिब होकर कहा कि वे कठिन घड़ी में हैं, उनके समक्ष सीमित विकल्प हैं, क्योंकि रेलवे की वित्तीय सेहत खराब है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्हें पूर्ववर्ती रेलमंत्री की तरह कमजोर नीतियां जारी रखना चाहिए? क्या देशहित में वे अलोकप्रिय फैसले नहीं ले सकते। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि रेल किराया बढ़ाने का फैसला फरवरी में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री ने लिया था और अंतिम समय में उसका क्रियान्वयन रोक दिया गया था।
45 दिन में चौतरफा बढ़ी महंगाई
कांग्रेस ने सोमवार को महंगाई के मुद्दे पर राज्यसभा में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि 45 दिन में भाजपा सरकार ने चौतरफा महंगाई बढ़ाई। आजाद ने कहा कि फल-सब्जियां, रेल किराया, पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के दाम बढ़ाने से सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई।
राज्यसभा में शून्यकाल स्थगित कर महंगाई पर चर्चा कराई गई। चर्चा शुरू करते हुए गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि जब 2012 में संप्रग सरकार ने रेल किराया बढ़ाया था तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रेल बजट पेश होने के पूर्व इस तरह के कदम का विरोध किया था, अब वही तरीका अपनाया गया है। आजाद ने किराया वृद्धि वापस लेने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने पूरा चुनाव महंगाई के मुद्दे पर लड़ा था तो अब वह डेढ़ माह में भी उसे कम क्यों नहीं कर पा रही है।
एक माह की सरकार जिम्मेदार नहीं: नायडू
जेटली की तरह संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने भी कहा कि मात्र एक माह पुरानी सरकार को महंगाई के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्यसभा की तरह लोकसभा में भी महंगाई पर चर्चा को तैयार है। चर्चा किस नियम के तहत हो यह पीठासीन अधिकारी [स्पीकर] पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चर्चा से हिचक क्यों रही है। सरकार कीमतें काबू में करने के लिए पूरी तत्परता से कदम उठा रही है। गृहमंत्री आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं। राज्य सरकारों को भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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