Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोलेजियम प्रणाली में पूरी तरह से बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट का इंकार

    By Test2 test2Edited By:
    Updated: Tue, 03 Nov 2015 01:51 PM (IST)

    कोलेजियम सिस्टम में सुधार के लिए सुझावों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने अपने सुझाव दिए। अपने विचार रखते हुए कोर्ट ने कहा कि कोलेजियम सिस्टम में सुधार के लिए चार महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जाएगा और वो चार मुख्य पहलू पारदर्शिता, न्यूनतम पात्रता

    नई दिल्ली। कोलेजियम सिस्टम में सुधार के लिए सुझावों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने अपने सुझाव दिए। अपने विचार रखते हुए कोर्ट ने कहा कि कोलेजियम सिस्टम में सुधार के लिए चार महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जाएगा और वो चार मुख्य पहलू पारदर्शिता, न्यूनतम पात्रता मानदंड, कोलेजियम के सचिवालय और इसकी संरचना हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि भावी नियुक्ति के खिलाफ जो शिकायतें होंगी उससे कैसे निपटा जाएगा इस पर भी विचार करना बेहद जरूरी है। हालांकि कोर्ट ने कोलेजियम प्रणाली में पूरी तरह से बदलाव करने से साफ इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर सुझाव के कलेक्ट करने के लिए वकील अरविंद दातर और एएसजी पिंकी आंनद को नॉमिनेट किया है। सुझाव मिलने के बाद शीर्ष कोर्ट इन सभी पर विचार करेगा।

    इससे पहले केंद्र सरकार ने कोलेजियम सिस्टम में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुझाव रखे। केंद्र ने कहा कि हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए पैमाना तय होना चाहिए। साथ ही केंद्र ने कोलेजियम के लिए फुल टाइम सचिवालय होने की जरूरत भी बताई।

    सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम सिस्टम में सुधार के लिए हुई अहम सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए अलग पैमाना होना चाहिए। साथ ही नियुक्ति के लिए मेरिट पर वरिष्ठता हावी न हो। केंद्र ने कहा कि नामांकन के अलावा आवेदन भी स्वीकार किए जाएं। सुनवाई में केंद्र सरकार और याचिकाकर्ता ने भी इस बारे में अपने सुझाव पेश किए।

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने 16 अक्टूबर, 2015 के फैसले में राष्ट्रीय न्यायिक नियूक्ति आयोग अधिनियम (NJAC) के गठन को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार से उच्चतम व उच्च न्यायलयों में जजों की नियूक्ति के लिए कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए सुझाव मांगे थे।

    गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई थी, जिसका राजनीतिक हल्के में विरोध भी हुआ था।

    यह भी पढ़ें : कोलेजियम की खामियां सुधारने का प्रयास था एनजेएसी