कश्मीर में लगातार बारिश से बिगड़ रहे हालात
कश्मीर घाटी में बुधवार को भारी बारिश से एक बार फिर बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। श्रीनगर शहर के कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है और कई सरकारी इमारतों और बैंकों में पानी भर गया है। उत्तरी कश्मीर में भी कई इलाकों में पानी भर जाने
जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में बुधवार को भारी बारिश से एक बार फिर बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। श्रीनगर शहर के कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है और कई सरकारी इमारतों और बैंकों में पानी भर गया है। उत्तरी कश्मीर में भी कई इलाकों में पानी भर जाने से बाढ़ का ताजा अलर्ट जारी किया गया है।
एनडीआरएफ की टीमों के साथ पुलिस और सेना के जवान मिलकर नागरिक प्रशासन की मदद में जुटे हैं। मौसम विभाग ने बाढ़ की दृष्टि से बुधवार रात को अत्यंत संवेदनशील करार दिया है। ऐसे में प्रशासन ने असुरक्षित और निचले इलाकों से लोगों को हटाने की तैयारी कर ली है। वायुसेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। इस बीच, श्रीनगर के अलावा बडगाम, शोपियां और कुलगाम में भूस्खलन व बाढ़ से सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए और तीन सड़कें पूरी तरह तबाह हो गई।
पुलिस ने एक हजार लोगों को बचा लिया। वहीं जगह-जगह भूस्खलन ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे फिर बंद हो गया है। श्रीनगर स्थित मौसम विभाग के निदेशक ने बताया कि मंगलवार रात से वादी में दोबारा बारिश हो रही है, जो अगले दो दिन तक जारी रहेगी। बाढ़ की दृष्टि से अगले चौबीस घंटे विशेषकर बुधवार की रात बहुत अहम है। वहीं उत्तरी कश्मीर के सोपोर और बारामुला में झेलम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है।
इसे देखते हुए उत्तरी कश्मीर में बाढ़ का ताजा अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों का पूरा बंदोबस्त किया गया है। श्रीनगर शहर में जलभराव से दो मकान गिर गए। उधर शोपियां के उच्चपर्वतीय इलाकों और दरिया के किनारे बसे 90 परिवारों को भूस्खलन व बाढ़ के खतरे के चलते निकाला गया। त्राल में 300 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
बड़गाम में भूस्खलन के कारण 500 परिवारों को निकाला गया है। सूर्यासर से पुलिस ने 74 परिवारों को भूस्खलन से बचाया है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग फिर यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। चुरसु-अवंतीपोर में राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है।
कश्तियां तैयार, 24 राहत शिविर स्थापित
राज्य प्रशासन ने वादी में बाढ़ के संकट को देखते हुए श्रीनगर, अनंतनाग में विभिन्न जगहों पर किश्तियों का प्रबंध कर दिया है। इसके साथ ही श्रीनगर शहर को भी चार जोन में बांटते हुए 24 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।राहत कार्याें में किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए बाढ़ प्रबंधन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
सभी संवेदनशील इलाकों में ट्रक, किश्तियां, रस्सियां, रबर बोट, सैंड बैग पहुंचाने के अलावा लोगों के लिए विभिन्न जगहों पर राहत शिविर लगाए जा रहे हैं। श्रीनगर शहर को चार जोन ए, बी, सी, डी में बांटा गया है। इन जोन्स में सामुदायिक केंद्रों और स्कूलों को राहत शिविर में तब्दील कर दिया गया है।
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