कलंकित हुई संसद, तेलंगाना बिल के विरोध में हंगामा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा में सांसदों की हरकत ने संसद को कलंकित और देश को शर्मसार कर दिया। लोकतंत्र के मंदिर में वह सबकुछ हुआ जो सड़क पर भी अमर्यादित और दादागीरी के श्रेणी में आता है। तेलंगाना विरोधी सांसदों ने सदन के भीतर आपा खोते हुए महासचिव की टेबल का शीशा तोड़ा, माइक उखाड़ दिया और लोकसभा अध्यक्ष के टेबल से पेपर उठाकर फाड़ दिया। हद तो तब हो गई जब कांग्रेस के एक सांसद ने मिर्च पाउडर का छिड़काव कर दिया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा में सांसदों की हरकत ने संसद को कलंकित और देश को शर्मसार कर दिया। लोकतंत्र के मंदिर में वह सबकुछ हुआ जो सड़क पर भी अमर्यादित और दादागीरी के श्रेणी में आता है। तेलंगाना विरोधी सांसदों ने सदन के भीतर आपा खोते हुए महासचिव की टेबल का शीशा तोड़ा, माइक उखाड़ दिया और लोकसभा अध्यक्ष के टेबल से पेपर उठाकर फाड़ दिया। हद तो तब हो गई जब कांग्रेस के एक सांसद ने मिर्च पाउडर का छिड़काव कर दिया।
आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद तीन सांसदों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसे भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा बताते हुए हंगामा करने वाले 17 सदस्यों को सदन से सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए निलंबित कर दिया। अफरातफरी के बीच सरकार ने तेलंगाना विधेयक पेश कर दिया, लेकिन विपक्ष ने सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया है।
यूं तो संसद में कई बार झड़पें हुई हैं लेकिन इतिहास में गुरुवार का नजारा काले अक्षरों में दर्ज हो गया। दोपहर 12:00 बजे शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही तेलंगाना विरोधी और समर्थक सांसद दूसरे दिनों की तरह आसन के सामने आकर नारा लगाने लगे। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने जैसे ही तेलंगाना विधेयक पेश करने की घोषणा की, सीमांध्र के सांसद आपे से बाहर हो गए।
सबसे पहले तेदेपा सांसद एम वेणुगोपाल रेड्डी ने महासचिव के टेबल का माइक तोड़ दिया और अध्यक्ष के सामने रखे पेपर को फाड़कर फेंक दिया। इस बीच कांग्रेस से निष्कासित सांसद एल राजगोपाल ने टेबल का शीशा तोड़ दिया और बाद में मिर्च पाउडर का छिड़काव करना शुरू कर दिया। उन्हें रोकने की कोशिश के दौरान कांग्रेस के कुछ सांसदों के साथ हाथापाई हो गई।
बाद में सुरक्षाकर्मियों ने मुश्किल से उन्हें सदन से बाहर निकाला। लेकिन इससे पहले मिर्च पाउडर ने अपना असर दिखा दिया। आंखों में जलन और सांस में लेने की तकलीफ की शिकायत के साथ सांसद सदन से बाहर की ओर भागे। सांसद विनय कुमार पांडेय, पूनम प्रभाकर और पीबी नाइक को तत्काल राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया। तेदेपा सांसद वेणुगोपाल पर तो सदन के भीतर चाकू निकालने का आरोप भी लगा, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन कर दिया।
लोकसभा अध्यक्ष ने पूरी घटना को भारतीय लोकतंत्र के लिए शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने हंगामा करने वाले तेदेपा, वाइएसआर कांग्रेस और कांग्रेस के 17 लोकसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया। हालांकि निलंबन के बावजूद 2:00 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा बदस्तूर जारी रहा।
हंगामे के दौरान सीमांध्र के तेदेपा सांसद एमपी नारायण राव आसन के सामने ही बेहोश होकर गिर पड़े। पहले तो उनके कुछ खा लेने की अफवाह उड़ी, लेकिन जांच के दौरान उनका रक्तचाप बढ़ा हुआ मिला। दरअसल पिछले हफ्ते ही उनकी एंजियोग्राफी हुई थी और डॉक्टरों ने बाइपास सर्जरी कराने की सलाह दी थी।
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अंतत: 3:00 बजे सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामे के दौरान ही अलग राज्य तेलंगाना बनाने का विधेयक सदन में पेश होने की घोषणा की है और सरकार की ओर से भी यही दावा किया गया है। लेकिन विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इस दावे को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया है।
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निलंबित सांसदों की सूची
सब्बम हरि
अनंत वेंकटरामी रेड्डी
रायपति संबासिवा राव
निम्बाला कृसतप्पा
वाई एस जगनमोहन रेड्डी
मोदुगुला वेणुगोपाल रेड्डी
एसपीवाई रेड्डी
कोंकल्ला नारायण राव
एम राजमोहन रेड्डी
मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी
वी अरुणा कुमार
ए साई प्रताप
एल राजागोपाल
सुरेश कुमार शेटकर
के आर जी रेड्डी
गुथा सुखेंदर रेड्डी
निर्माल्ली शिवप्रसाद
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