तेलंगाना के मुद्दे पर संसद में सांप छोड़ने की तैयारी
नई दिल्ली [राजकिशोर]। तेलंगाना के मुद्दे पर आत्मदाह करने या फिर सदन में सांप छोड़कर पटरी से उतारने की रणनीति बना रहे आंध्र प्रदेश के सांसदों को काबू करने में सरकार ही नहीं संसद स्टाफ के भी पसीने छूट रहे हैं। दरअसल, सरकार को सूत्रों से जानकारी मिली है कि आंध्र प्रदेश के सांसद संसद में सांप छोड़ने की तैयारी में हैं। र
नई दिल्ली [राजकिशोर]। तेलंगाना के मुद्दे पर आत्मदाह करने या फिर सदन में सांप छोड़कर पटरी से उतारने की रणनीति बना रहे आंध्र प्रदेश के सांसदों को काबू करने में सरकार ही नहीं संसद स्टाफ के भी पसीने छूट रहे हैं। दरअसल, सरकार को सूत्रों से जानकारी मिली है कि आंध्र प्रदेश के सांसद संसद में सांप छोड़ने की तैयारी में हैं। रेल बजट के दौरान जिस तरह से आंध्र कोटे के मंत्रियों ने भी संसद में कोहराम मचाया, उसे गुरुवार को लोकसभा में तेलंगाना विधेयक पेश करने से पहले का महज ट्रेलर माना जा रहा है। इसके मद्देनजर तेलंगाना विधेयक पारित कराने को लेकर संसद के शीर्ष अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक सभी को मुस्तैद कर दिया गया है।
बुधवार को संसद के अधिकारी और कर्मचारियों की अलग-अलग स्तर पर बैठकें चलती रहीं। संसद के सुरक्षा कर्मियों को खासतौर से कई दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को संसद आने वाले दर्शकों को भी बहुत ठोक-बजाकर ही पास जारी किए जाएंगे। विरोध प्रदर्शन वाली कोई भी वस्तु किसी को लाने नहीं दी जाएगी। संसद के सुरक्षा कर्मियों की सबसे बड़ी चिंता सांसदों को लेकर है। तेलंगाना के खिलाफ सीमांध्र के सांसद किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। तमाम सूत्रों से सरकार को जानकारी मिल रही है कि कुछ सांसदों ने संसद के भीतर आत्मदाह तक की तैयारी की है। खुद को कोड़े मारने और नारेबाजी व हंगामा तो रोज आम है ही। जिस तरह से संविधान की शपथ लेकर मंत्री बने सीमांध्र के नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंका है, उससे हालात ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं। खुफिया सूत्रों से पता चला है कि संसद के भीतर दर्शकों के रूप में भी तेलंगाना विरोध के लिए सांसदों ने कुछ लोगों के पास बनवाने शुरू किए हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के सांसदों की तरफ से दर्शक दीर्घा के पास बनाने पर तो रोक लगा ही दी गई है। कहीं दूसरे सांसदों से पास बनवाकर तेलंगाना विरोधी या समर्थन सदन में न आ जाएं, इसलिए गुरुवार को पास जारी करने में संसद का स्टाफ खासी सख्ती बरतेगा। असली चुनौती माननीयों को कुछ भी लेकर संसद में घुसने से रोकने की है। कारण है कि सांसदों की न तो तलाशी ली जा सकती है और न ही स्टाफ उनको रोक सकता है। ऐसे में हंगामा करने वाले सांसदों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सदन के अंदर तो मार्शल बुलाने या न बुलाने का फैसला लोकसभा अध्यक्ष का होगा, लेकिन आत्मदाह करने या सांप छोड़ने जैसी हरकतों को रोकने की चुनौती संसद के स्टाफ की होगी, जिसके लिए देर रात तक सदन में तैयारियां चलती रहीं।
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