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    GST पर जयललिता को मनाने की कोशिश, पीएम मोदी से हुई चर्चा

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jun 2016 10:20 PM (IST)

    तमिलनाडु की गद्दी पर काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री जयललिता आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सामान व सेवा कर विधेयक (जीएसटी) के संसद के आगामी मानसून सत्र में पारित होने के आसार बढ़ गए हैं। राज्य सभा में विधेयक समर्थक दलों की बढ़ती संख्या से उत्साहित सरकार को अगले साल से देश में जीएसटी लागू होने की उम्मीद है। विधेयक के मौजूदा प्रारूप का विरोध कर रहीं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को भी मनाने की कोशिश केंद्र सरकार शीर्ष स्तर पर कर रही है।

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    मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद जयललिता मंगलवार को नई दिल्ली पहुंची और पीएम नरेंद्र मोदी से मिलीं। सूत्रों के मुताबिक जयललिता ने केंद्र के जीएसटी विधेयक को लेकर कुछ चिंता जताई। उन्होंने अपनी ओर से विधेयक का एक मसौदा भी पीएम के समक्ष पेश किया। बताते हैं कि फिलहाल जयललिता के तेवर सख्त है, लेकिन केंद्र सरकार की कोशिश यह है कि एक कदम केंद्र बढ़े और एक कदम तमिलनाडु। कुछ इसी तर्ज पर रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है।

    सूत्रों का मानना है कि राज्यसभा में 13 सदस्यों वाली अन्नाद्रमुक की ओर से दरवाजे पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं। बहुत उम्मीद है कि सरकार जयललिता को मनाने में कामयाब हो जाए। वहीं जीएसटी को लेकर तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा व कुछ हद तक वाममोर्चा के अंदर बन रहे समर्थन से भी सरकार उत्साहित है। राज्य सभा में जीएसटी का समर्थन करने वाले दलों की संख्या बढ़ती देख प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस असहज है। कोलकाता में जीएसटी पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बिल को पारित कराने को लेकर कांग्रेस के अंदर भी मंथन शुरू हो गया है।

    दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, ' अगर उनकी पार्टी की मांग सरकार स्वीकार करती है तो मानसून सत्र में जीएसटी के समर्थन पर विचार हो सकता है।'कोलकाता में मंगलवार को राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में तमिलनाडु को छोड़ कर अन्य सभी राज्यों ने जीएसटी विधेयक का समर्थन किया है। राज्य सभा में जीएसटी समर्थक दलों की बढ़ी संख्या को देखते हुए भाजपा ने संकेत दिया है कि वह अब हर कीमत पर इसे संसद के मानसून सत्र में पारित करवाने की कोशिश करेगी। राज्य वित्त मंत्रियों की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात के संकेत भी दिए कि जीएसटी को लेकर अब बहुत ज्यादा बाधा नहीं आनी चाहिए। सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू हो जाएगा।

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