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श्रीलंका युद्ध अपराध की जांच की मांग पर तमिलनाडु विस में प्रस्‍ताव पारित

श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के भारत दौरे के बीच तमिलनाडु विधानसभा में श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान तमिलों पर अत्‍याचार को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय जांच की मांग से संबंधी प्रस्‍ताव पास किया गया। इस प्रस्‍ताव के जरिये केंद्र सरकार को मामले को यूएन में उठाने की मांग की गई

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2015 12:53 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2015 01:28 PM (IST)

चेन्नई। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के भारत दौरे के बीच तमिलनाडु विधानसभा में श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान तमिलों पर अत्याचार को लेकर अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग से संबंधी प्रस्ताव पास किया गया। इस प्रस्ताव के जरिये केंद्र सरकार को मामले को यूएन में उठाने की मांग की गई है।

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गौरतलब है कि श्रीलंका में युद्ध के दौरान तमिलों पर हुए अत्याचार को लेकर राज्य सरकार आक्रामक रुख अख्तियार करती रही है। यंग तमिलनाडु मूवमेंट से जुड़ा समूह श्रीलंका के प्रधानमंत्री के भारत दौरे को लेकर विरोध कर रहा है।

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मालूम हो कि आज ही संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान किए गए अपराधों पर लंबित रिपोर्ट जारी करने वाला है। रिपोर्ट में युद्ध अपराध के दोषियों को कानून के दायरे में लाने की मांग होगी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने सरकार और तमिल विद्रोहियों द्वारा किए अत्याचारों को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट मार्च में जारी होने वाली थी लेकिन इसे छह महीने के लिए रोक दिया गया। श्रीलंका सरकार को यह पता लगाने के लिए समय दिया गया कि संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, 2009 में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के लिट्टे विद्रोहियों को खत्म करने के आदेश पर करीब 40 हजार अल्पसंख्यक तमिलों की हत्या की गई थी। अब नए राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेना ने तमिलों के साथ मेल-मिलाप लिए हाथ बढ़ाया है और न्यायिक प्रक्रिया शुरू करने का वादा किया है।

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