श्रीलंका युद्ध अपराध पर कल जारी होगी संरा रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान किए गए अपराधों पर लंबित रिपोर्ट बुधवार को जारी करेगा। रिपोर्ट में युद्ध अपराध के दोषियों को कानून के दायरे में लाने की मांग होगी।
जेनेवा । संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान किए गए अपराधों पर लंबित रिपोर्ट बुधवार को जारी करेगा। रिपोर्ट में युद्ध अपराध के दोषियों को कानून के दायरे में लाने की मांग होगी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने सरकार और तमिल विद्रोहियों द्वारा किए गए अत्याचारों को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट मार्च में जारी होने वाली थी लेकिन इसे छह महीने के लिए रोक दी गई। श्रीलंका की नई सरकार को यह पता लगाने के लिए समय दिया गया कि संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया। संरा मानवाधिकार उच्चायुक्त जायेद राद अल हुसैन ने सोमवार को इस मामले में श्रीलंका की नई सरकार के प्रयासों की तारीफ की। लेकिन कहा कि रिपोर्ट पर काम करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की कुछ बातें गंभीर प्रकृति की हैं।
पूर्व की संरा रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के लिट्टे विद्रोहियों को खत्म करने के आदेश पर करीब 40 हजार अल्पसंख्यक तमिलों की हत्या की गई थी। संरा की संस्था को दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं है लेकिन उसकी रिपोर्ट से न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की उम्मीद है। ताकि राजपक्षे शासन के दौरान उच्च स्तर के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। राजपक्षे ने खुद जिम्मेदारी तय करने की मांग की है।
नई सरकार का तमिलों से मेलमिलाप
श्रीलंका में राजपक्षे के बाद राष्ट्रपति बने मैत्रिपाल सिरीसेन द्वारा बनाई गई गठबंधन सरकार ने तमिलों के साथ मेलमिलाप के लिए हाथ बढ़ाया है और न्यायिक प्रक्रिया शुरू करने का वादा किया है। अपनी भारत यात्रा के दौरान श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिकी प्रस्ताव पर समर्थन मांगने की उम्मीद है। श्रीलंका को उम्मीद है कि तमिल समुदायों की शंकाओं का समाधान करने में भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।