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    बरहमदाग बुगती के राजनीतिक शरण की मांग पर कार्रवाई तेज

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Tue, 27 Sep 2016 09:44 PM (IST)

    खुफिया एजेंसियों से क्लीयरेंस मिलने के बाद ही कैबिनेट के सामने बुगती के आवेदन को विचार के लिए रखा जाएगा।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड में निर्वासित जीवन जी रहे बलूच नेता बरहमदाग बुगती को जल्द ही भारत में राजनीतिक शरण मिल सकता है। बुगती के आवेदन पर तत्काल कार्रवाई करते हुए गृह मंत्रालय ने आइबी और रॉ से सिक्यूरिटी क्लीयरेंस मांगा है। खुफिया एजेंसियों से क्लीयरेंस मिलने के बाद ही कैबिनेट के सामने बुगती के आवेदन को विचार के लिए रखा जाएगा।

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    गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही बुगती ने स्विट्जरलैंड स्थित भारतीय दूतावास में राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया था। विदेश मंत्रालय ने इसे कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय के पास भेज दिया था। अब बिना कोई समय गंवाए गृह मंत्रालय ने फाइल सिक्यूरिटी क्लीयरेंस के लिए के लिए भेज दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिक्यूरिटी क्लीयरेंस मिलते ही इसे विचार के लिए कैबिनेट के पास भेज दिया जाएगा। पूरी दुनिया में बलूचिस्तान की आजादी पर समर्थन जुटाने के लिए बुगती भारत में राजनीतिक शरण की मांग कर रहे हैं।

    बरहमदाग बुगती बलूचों के सम्मानित नेता नवाब अकबर बुगती के पोते हैं। अकबर बुगती को 2006 में पाक सेना ने रॉकेट हमले में मार दिया था। स्विट्जरलैंड में निर्वासित जीवन जी रहे बरहमदाग को दूसरे देशों में आने-जाने की इजाजत नहीं है। जबकि उनका कहना है कि बलूचिस्तान की आजादी के लिए दुनियाभर में समर्थन जुटाने के लिए सभी देशों में आना-जाना जरूरी है। यदि भारत उन्हें राजनीतिक शरण देता है, तो वह भी दलाई लामा की तरह पूरी दुनिया में घूम सकते हैं। बरहदाग को राजनीतिक शरण देना पाकिस्तान के खिलाफ भारत का बड़ा कूटनीतिक कदम होगा।

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