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    दागी उम्मीदवारों की सुनवाई मामले में तेजी लाने पर सुप्रीम कोर्ट सहमत

    By Mohit TanwarEdited By:
    Updated: Thu, 05 Jan 2017 01:28 PM (IST)

    इस समय देश में 33 फीसद नेता ऐसे हैं जिन पर गंभीर अपराध में कोर्ट आरोप तय कर चुकी हैं।

    माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को कहा कि गंभीर अपराध में आरोप तय होने के बाद किसी को चुनाव लड़ने से रोका जाए, इस पर जल्द सुनवाई की जरुरत है। कोर्ट इस पर सुनवाई के लिए जल्द ही संविधानपीठ गठित करेगा।

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    ये बात मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता अश्वनी उपाध्याय की ओर से मामले की शीघ्र सुनवाई की मांग पर कही। इससे पहले अश्वनी उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मामले पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि पांच राज्यों मे चुनाव है विशेष तौर पर यूपी मे तीन दर्जन ऐसे लोग हैं जिनके ख़िलाफ़ हत्या बलात्कार जैसे गंभीर मामलों मे अदालत से चार्ज फ़्रेम हो चुके हैं।

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    जल्द सुनवाई की ज़रूरत

    कई ऐसे भी मामले हैं जिनमें हज़ार करोड़ से ज़्यादा का भ्रष्टाचार के आरोप मे केस चल रहा है। ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जाए। पांच राज्यों मे चुनाव से पहले इस पर सुनवाई होनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि इस मामले मे जल्दी सुनवाई की ज़रूरत है और इस पर सुनवाई के लिए जल्दी ही संविधान पीठ का गठन किया जाएगा।

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    याचिका वर्ष 2015 में दायर की गई थी

    वकील अश्वनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस समय देश में 33 फीसद नेता ऐसे हैं जिन पर गंभीर अपराध में कोर्ट आरोप तय कर चुका है। उपाध्याय ने यह याचिका वर्ष 2015 में दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने आज मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी।

    जेएम लिंगदोह व अन्य ने भी इस पर याचिका दाखिल कर रखी है पिछले साल मार्च मे कोर्ट ने मामला पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेजा था तब से मामला सुनवाई पर नही आया था।

    सुनवाई के बाद अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि वे सभी राजनैतिक दलों से निवेदन करते है कि वे ऐसे लोगों को टिकट न दें।

    सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले फ़र्ज़ी मामले दर्ज होने पर भी चिंता जताई और इस पहलू पर भी विचार किए जाने की बात कही।

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