दागियों के चुनाव लड़ने पर रोक की जल्द सुनवाई नहीं
पीठ ने स्पष्ट किया कि इसके लिए निकट भविष्य में संविधान पीठ का गठन संभव नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर जल्द सुनवाई से इन्कार कर दिया है, जिसमें पूछा गया था कि क्या गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जा सकती है? और सुनवाई के किस चरण में किसी सांसद को अयोग्य माना जा सकता है?
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को कहा, 'हमने पहले ही पांच जजों वाली ग्रीष्मकालीन अवकाश संविधान पीठ को तीन मामले सौंप दिए हैं।' पीठ ने यह टिप्पणी दिल्ली भाजपा प्रवक्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से पांच जजों वाली पीठ का गठन कर मामले को ग्रीष्मावकाश के दौरान ही निराकरण करने की मांग पर की।
उपाध्याय ने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न है। मुझे कोर्ट ने यह विश्वास दिलाया था कि इसके लिए एक पीठ का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने दलील दी कि सुनवाई पूरी होने में तीन दिन से ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
इस पर पीठ ने कहा कि आप कल्पना नहीं कर सकते कि फैसला लिखने में कितने समय और प्रयासों की जरूरत होती है। पीठ ने स्पष्ट किया कि इसके लिए निकट भविष्य में संविधान पीठ का गठन संभव नहीं है। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने पांच जनवरी को कहा था कि इस मामले के लिए जल्द ही एक संविधान पीठ का गठन किया जाएगा।
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