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वीके सिंह को जेटली की खरी-खरी, सुहाग की नियुक्ति का निर्णय अंतिम

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नए सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल दलबीर सुहाग की नियुक्ति को अंतिम बताते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने अपने साथी मंत्री जनरल वीके सिंह को सेना पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी है। जेटली ने साफ कर दिया है कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने सेनाध्यक्ष के रूप में वीके सिंह पर बिना सुबूत जनरल सुहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे पर रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से जवाब-तलब भी किया है।

By Edited By: Published: Wed, 11 Jun 2014 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jun 2014 09:01 PM (IST)
वीके सिंह को जेटली की खरी-खरी, सुहाग की नियुक्ति का निर्णय अंतिम

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नए सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल दलबीर सुहाग की नियुक्ति को अंतिम बताते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने अपने साथी मंत्री जनरल वीके सिंह को सेना पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी है। जेटली ने साफ कर दिया है कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने सेनाध्यक्ष के रूप में वीके सिंह पर बिना सुबूत जनरल सुहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे पर रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से जवाब-तलब भी किया है। कांग्रेस ने सुहाग के खिलाफ बार-बार ट्वीट करने को लेकर जनरल वीके सिंह के मंत्री पद से इस्तीफे की मांग की है।

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राज्यसभा में विपक्ष की ओर से उठाए सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री और नेता सदन अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि वह भले ही अंतिम दिनों में नए सेनाध्यक्ष नियुक्त करने के मनमोहन सरकार के फैसले के खिलाफ थे, लेकिन नियुक्ति की घोषणा होने के बाद राजग सरकार इसका समर्थन करती है। वीके सिंह का नाम लिए बगैर अरुण जेटली ने कहा कि सेना को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए। दरअसल, मोदी सरकार सेना में किसी भी तरह की सियासी धमाचौकड़ी नहीं चाहती। इसीलिए, अपने मंत्री जनरल वीके सिंह को झटका देने में देर नहीं लगाई। गौरतलब है कि दो दिन पहले रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जनरल सुहाग की सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को सही ठहराते हुए उनके खिलाफ जनरल वीके सिंह द्वारा शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को आधारहीन बताया था।

इस हलफनामे से नाराज वीके सिंह ने ट्वीट कर मंत्रालय के अधिकारियों को संप्रग सरकार की मानसिकता पर काम करने का आरोप लगाते हुए सुहाग की नियुक्ति का विरोध किया था।

वीके सिंह का आरोप है कि पूर्वोत्तर में तैनाती के दौरान जनरल सुहाग फिरौती वसूल करने वाले अपने मातहत अधिकारियों पर लगाम लगाने में विफल रहे थे। मौके का फायदा उठाकर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से वीके सिंह के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने पूरे मामले में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि वीके सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि रक्षा मंत्री जनरल सुहाग को सही ठहरा रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को सच्चाई देश के सामने लानी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसे मंत्री को मंत्रिपरिषद में नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जनरल वीके सिंह के ट्वीट और बयानों को आपत्तिजनक बताया है। उन्होंने कहा कि जनरल वीके सिंह सेना को हतोत्साहित कर रहे हैं। उन्हें तत्काल मंत्रिपरिषद से हटा देना चाहिए।

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