चाय की प्याली में 'जहरीली' शक्कर
ईटिंग शुगर ना बाबा ना.। जी हां, यहां बात मिलावटी चीनी की हो रही है। दूध के साथ ही अब मिलावटखोरों ने चीनी को निशाने पर ले लिया है। इसमें बारीक प्लास्टिक क्रिस्टल की मिलावट की जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार यह क्रिस्टल बेहद घातक होता है और कैंसर का कारण बन सकता है। लिहाजा चीनी खरीदते व
[प्रदीप चौरसिया], मुरादाबाद। ईटिंग शुगर ना बाबा ना.। जी हां, यहां बात मिलावटी चीनी की हो रही है। दूध के साथ ही अब मिलावटखोरों ने चीनी को निशाने पर ले लिया है। इसमें बारीक प्लास्टिक क्रिस्टल की मिलावट की जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार यह क्रिस्टल बेहद घातक होता है और कैंसर का कारण बन सकता है। लिहाजा चीनी खरीदते वक्त बेहद सावधान रहें।
चीनी को मिलावट रहित ही माना जाता रहा है। राजकीय जनविश्लेषण प्रयोगशाला की जांच में चीनी में मिलावट होने के साथ बाजार में बिकने वाली अधिकांश चीनी घटिया स्तर की पाई गई। इसके बाद शासन ने सभी खाद्य संरक्षा अधिकारियों को चीनी के नमूने लेने का आदेश जारी किया। दरअसल कुछ अरसा पहले सूबे में अलग-अलग स्थानों से चीनी के नमूने लिए गए थे। उनकी जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आईं। पता चला कि मिलावटखोर प्लास्टिक के विशेष प्रकार के क्रिस्टल जो देखने में एकदम चीनी की तरह लगते हैं, चीनी में उनकी मिलावट कर रहे हैं। ये क्रिस्टल चीनी की तरह की चमकीले, मगर उसके मुकाबले काफी सस्ते होते हैं। आम लोगों को इसकी मिलावट का पता इसलिए नहीं चलता कि ये क्रिस्टल हल्की गर्मी में चीनी की तरह ही पिघल जाते हैं। यानी चाय गर्म दूध में चीनी के साथ ही घुल जाते हैं। ठंडे होने पर चाय या दूध में हल्की मलाई की परत के रूप में जम जाते हैं। मगर सेहत के लिए बेहद घातक होते हैं। प्लास्टिक क्त्रिस्टल मिश्रित चीनी के खाने से लीवर में कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। कारण इसमें पाली इथाइलीन नामक घातक केमिकल होता है। चीफ फूड सेफ्टी आफिसर सतीश कुमार के मुताबिक शासन स्तर से प्रदेश भर में चीनी के नमूने लेने का अभियान चलाने के निर्देश मिले हैं।
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मिलावट की पहचान
अगर आपको अपने घर में मिलावटी चीनी होने का शक है तो उसकी पहचान बेहद सरल है। एक गिलास साफ और ठंडे पानी में एक चम्मच चीनी डालें। अगर चीनी पूरी तरह तली में बैठ जाए तो समझो चीनी शुद्ध है, अगर उसके कुछ क्त्रिस्टल ऊपर तैरने लगें तो उसमें मिलावट है। जानकारों का कहना है कि मोटी सफेद दानेदार चीनी में मिलावट की आशंका कम होती है। बारीक और गंदले रंग की चीनी में मिलावट की आशंका अधिक होती है। प्लास्टिक क्रिस्टल में घातक पाली इथाइलीन केमिकल होता है। यह आंतों में चिपक जाता है और उसे सड़ा सकता है। आंत में छेद हो सकता है और उसकी कोशिकाओं को नुकसान होता है। इससे कैंसर समेत अन्य बीमारियां हो सकती है।
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