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    दूध में वाशिंग पाउडर पी रहे उत्तर प्रदेश के लोग

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    Updated: Wed, 29 Jan 2014 02:40 PM (IST)

    अगर आपको पता चले कि जो दूध आप पी रहे हैं, उसमें वाशिंग पाउडर और वाइटनर जैसे खतरनाक पदार्थ की मिलावट की गई है तो शायद आप सिहर जाएंगे। लेकिन उत्तर प्रदेश में यही हो रहा है। यहां की जनता दूध में वाशिंग पाउडर, वाइटनर, चीनी, काबरेहाइड्रेट, स्टार्च और बाहरी चिकनाई की मिलावट किया गया दूध इस्तेमाल

    माला दीक्षित, नई दिल्ली। अगर आपको पता चले कि जो दूध आप पी रहे हैं, उसमें वाशिंग पाउडर और वाइटनर जैसे खतरनाक पदार्थ की मिलावट की गई है तो शायद आप सिहर जाएंगे। लेकिन उत्तर प्रदेश में यही हो रहा है। यहां की जनता दूध में वाशिंग पाउडर, वाइटनर, चीनी, कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च और बाहरी चिकनाई की मिलावट किया गया दूध इस्तेमाल कर रही है। इनमें ज्यादातर मामलों में वाशिंग पाउडर की मिलावट पाई गई है। दूध में मिलावट के करीब डेढ़ हजार मामलों में मुकदमा चल रहा है, लेकिन अभी सजा किसी को नहीं हुई है। डराने और चौंकाने वाले इन तथ्यों की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे से होती है।

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    सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका लंबित है जिसमें दूध में मिलावट का मुद्दा उठाया गया है। स्वामी अच्युतानंद तीरथ की ओर से दाखिल जनहित याचिका में मिलावटी दूध की बिक्री रोके जाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गत पांच दिसंबर को उत्तर प्रदेश व अन्य चार राच्यों से मिलावटी दूध के मामलों में की गई कार्रवाई और उसके नतीजे का ब्योरा मांगा था। साथ ही अन्य राच्यों से भी उत्तर प्रदेश व उड़ीसा की तर्ज पर आइपीसी की धारा-272 में संशोधन कर मिलावट के अपराध में सजा बढ़ाकर उम्रकैद तक करने पर विचार के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश पर उत्तर प्रदेश ने हलफनामा दाखिल किया है।

    मजेदार बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने मिलावट में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान करने वाले उत्तर प्रदेश का उदाहरण दिया था। लेकिन उत्तर प्रदेश ने ही मिलावटी दूध में की गई कार्रवाई का ब्योरा देते हुए कोर्ट को यह नही बताया है कि आरोपियों के खिलाफ कानून की किस धारा में कार्रवाई की गई है और उसमें कितनी सजा का प्रावधान है। उप्र ने 2012 से लेकर नवंबर 2013 तक का ब्यौरा देते हुए बताया है कि दूध और दुग्ध पदार्थ में मिलावट रोकने के लिए लगातार उपाय होते हैं। छापे मार कर नमूने लिए जाते हैं उनकी जांच होती है। मिलावट पाए जाने पर मुकदमा चलाया जाता है। 2012-13 में 4503 नमूनों में से 1237 मिलावटी पाए गए। जबकि 52 नमूनों में डिटजर्ेंट, वाइटनर, कार्बोहाइड्रेट, बाहरी चिकनाई की मिलावट पाई गई। 2013-14 में 613 नमूनों की जांच में 185 मिलावटी पाए गए, जबकि 22 और नमूनों में मिलावट मिली। हरियाणा व मध्यप्रदेश ने भी मिलावटी दूध का मामला सामने आया है लेकिन यहां वाशिंग पाउडर नहीं मिले हैं।

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