इस तरह लापता हुआ था एमएच 370
मलेशिया ने छह माह के भीतर गुरुवार को यात्रियों से भरा अपना दूसरे विमान को खोया है। इसी साल आठ मार्च को मलेशियाई एयरलाइंस का बोइंग 777 विमान उड़ान भरने के कुछ समय बाद अचानक ही रडार से गायब हो गया था। लापता हुए इस विमान की उड़ान संख्या एमएच 370 की तलाश में अमेरिका से लेकर कई देशों ने पूरी ताकत झ
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। मलेशिया ने छह माह के भीतर गुरुवार को यात्रियों से भरा अपना दूसरे विमान को खोया है। इसी साल आठ मार्च को मलेशियाई एयरलाइंस का बोइंग 777 विमान उड़ान भरने के कुछ समय बाद अचानक ही रडार से गायब हो गया था। लापता हुए इस विमान की उड़ान संख्या एमएच 370 की तलाश में अमेरिका से लेकर कई देशों ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन सारी कोशिशें बेकार गई।
लापता विमान को लेकर समुद्र में समाने से लेकर तमाम दावे हुए और कई कहानियां गढ़ी गई, मगर आज तक सच्चाई सामने नहीं आ पाई। कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरने वाले इस विमान में चालक दल के 12 सदस्य व 227 यात्री सवार थे। यात्रियों में कुछ भारतीय भी शामिल थे। एमएच 370 उड़ान भरने के करीब दो घंटे बाद जब यह करीब 35,000 हजार फीट की ऊंचाई पर था, तब आखिरी बार रडार पर दिखा। इसके बाद संपर्क टूट गया। विमान को कैप्टन जाहिरी अहमद शाह उड़ा रहे थे और उन्हें 18,365 घंटे की उड़ान का अनुभव था। वह 1981 में एयरलाइंस से जुड़े थे। विमान में सबसे ज्यादा 154 चीनी यात्री सवार थे।
19 सालों में बोइंग के साथ था सबसे बड़ा हादसा:
अमेरिका में निर्मित बोइंग 777 विमान के साथ 19 साल में यह सबसे बड़ा हादसा था। जेट ने 1995 में विमान निर्माण क्षेत्र में प्रवेश किया था। मलेशिया एयरलाइंस 11 साल से इस विमान का उपयोग कर रही थी। इस एयरलाइन का रिकॉर्ड बेहद अच्छा रहा है। सुरक्षा व सेवा प्रदान करने के मामले में एशिया पैसेफिक क्षेत्र में इस एयरलाइन का रिकॉर्ड शानदार रहा था।
इसी तरह एक जून 2009 में एयर फ्रांस का विमान भी दक्षिणी अटलांटा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें 228 लोगों की मौत हुई थी। दो दिन बाद इसके अवशेष मिले थे।
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