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    पूर्वोत्तर राज्यों में 'भगवा' क्रांति चाहते हैं मोदी

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Mon, 01 Dec 2014 09:32 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में 'भगवा' क्रांति लाने की है। सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जब उन्होंने अपनी इस ...और पढ़ें

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    जयप्रकाश रंजन, अगरतला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में 'भगवा' क्रांति लाने की है। सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जब उन्होंने अपनी इस मंशा का खुलासा त्रिपुरा के वामपंथी मुख्यमंत्री माणिक सरकार के सामने किया तो एकबारगी सन्नाटा फैल गया। लेकिन मोदी ने तुरंत साफ किया कि 'भगवा' क्रांति से उनका आशय ऊर्जा क्रांति से है। पूर्वोत्तर राज्यों में ऊर्जा का अपार भंडार है और केंद्र सरकार यहां के राज्यों के साथ मिल कर इस क्षेत्र को भारत का प्रमुख ऊर्जा हब बनाने को तैयार है।

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    ओएनजीसी की गैस आधारित त्रिपुरा पावर कंपनी की दूसरी इकाई का उद्घाटन करने के अवसर पर मोदी अपने पूरे रंग में थे। वे पिछले तीन दिनों से पूर्वोत्तर राज्यों में ही हैं। यह शायद पहला मौका है, जब देश का प्रधानमंत्री लगातार तीन दिनों तक पूर्वोत्तर राज्यों में रहा।

    कुछ लोग इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की इस हिस्से में पैर जमाने की कोशिश के तौर पर देख रही है। असम, मेघालय व नगालैंड के बाद यहां हुए मोदी के कार्यक्रम में जिस तरह की भीड़ उमड़ी थी, उसे देखकर मोदी के 'भगवा' क्रांति के आह्वान का दूसरा मतलब भी निकाला जा रहा है।

    मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक्ट ईस्ट का नया नारा भी दिया। उन्होंने कहा कि लुक ईस्ट के बाद अब सरकार एक्ट ईस्ट पर काम करेगी। यानी इस हिस्से में लगने वाली औद्योगिक परियोजनाओं की रफ्तार तेज की जाएगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र को जापान की मदद से औद्योगिक कॉरिडोर बनाया जाएगा, जो बांग्लादेश से लेकर म्यांमार तक फैला होगा। इस बारे में मोदी की जापान यात्रा के दौरान समझौता भी हुआ था।

    मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों को विकास के लिए भारतीय ध्वज में प्रयुक्त चार रंगों के आधार पर चार तरह की क्रांति करने की सलाह दी। इसमें हरा रंग कृषि क्रांति का द्योतक है। सफेद रंग से प्रेरणा ले कर दुग्ध क्रांति शुरू की जा सकती है।

    इसी तरह मोदी ने भगवा रंग को ऊर्जा क्रांति व अशोक चक्र में इस्तेमाल नीले रंग को जल क्रांति से जोड़ा। मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार की भावी योजनाएं इन चार अवधारणाओं पर ही आधारित होंगी।

    शाम को माणिक सरकार की कैबिनेट के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष राज्य सरकार की तरफ से प्रजेंटेशन भी किया गया। राज्य सरकार ने केंद्र से क्षेत्र में रेल नेटवर्क बनाने, बांग्लादेश के चिटगांव बंदरगाह से राज्य को जोड़ने समेत कई ढांचागत परियोजनाओं की मांग भी की।

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