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    पीएम बोले, स्मार्ट बने पुलिस

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Mon, 01 Dec 2014 12:16 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा के लिए स्मार्ट पुलिसिंग और मजबूत खुफिया तंत्र को सबसे अहम बताया है। ...और पढ़ें

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    गुवाहाटी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा के लिए स्मार्ट पुलिसिंग और मजबूत खुफिया तंत्र को सबसे अहम बताया है। उन्होंने कहा कि यदि खुफिया तंत्र सशक्त है तो सशस्त्र जवानों और शस्त्रों के उपयोग को प्राथमिकता देने की जरूरत नहीं पड़ती है। सुरक्षा तंत्र के लिए गुप्तचर सूचनाएं जुटाना सबसे महत्वूपर्ण है। वह देश सबसे शक्तिशाली होता है, जिसका गुप्तचर तंत्र सर्वश्रेष्ठ है।

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    गुप्तचर ब्यूरो की मेजबानी में यहां आयोजित देश के पुलिस प्रमुखों के 49 वें सालाना सम्मेलन को रविवार को प्रधानमंत्री ने संबोधित किया। मोदी ने कहा कि वे ऐसा पुलिस बल चाहते हैं जो देश की कानून-व्यवस्था की प्रभावी ढंग से हिफाजत करे।

    स्मार्ट पुलिसिंग के मायने बताए

    इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट पुलिसिंग के मायने भी बताए। उन्होंने स्मार्ट शब्द का पुलिस में आशय स्पष्ट किया।

    एस : यानी कठोर लेकिन संवेदनशील (स्टि्रक्ट एंड सेंसेटिव)

    एम : आधुनिक और चलित (मॉडर्न एंड मोबाइल)

    ए : सजग और जिम्मेदार (अलर्ट एंड अकाउंटेबल)

    आर : विश्वसनीय और प्रतिक्रिया देने वाली (रिलायबल एंड रिस्पांसिव)

    टी : तकनीक प्रेमी और प्रशिक्षित (टेक्नो-सेवी एंड ट्रेंड)

    नव चेतना के लिए जरूरी

    मोदी ने कहा कि पुलिस की छवि और कार्य संस्कृति सुधारने के लिए उक्त मूल्यों को अपनाकर नवजागरण व नई चेतना लाई जा सकती है।

    छवि खराब करने के लिए फिल्म उद्योग जिम्मेदार

    प्रधानमंत्री ने कहा कि सिनेमा ने आम आदमी के मन में पुलिस बल की बहुत खराब छवि बना दी है। सरकार को फिल्म निर्माताओं से मिलकर पुलिस बल की अच्छी छवि बनानी चाहिए।

    प्रधानमंत्री ने यह भी कहा

    -आजादी के बाद देश की सुरक्षा व शांति की खातिर 33 हजार पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। उनके बलिदान का भूला नहीं जा सकता।

    -कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के पूर्ण सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए एक कार्यबल बनाया जाना चाहिए।

    -प्रत्येक राज्य की पुलिस अकादमी में नव आरक्षकों के ट्रेनिंग कोर्स में संबंधित राज्य के शहीद पुलिसकर्मियों के कृतित्व पर आधारित एक पुस्तक अनिवार्य रूप से शामिल हो, ताकि नए जवानों को उनसे प्रेरणा मिले।

    -पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के कल्याण के कार्यक्रम चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। उनका स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों की पढ़ाई और आवास की व्यवस्था होना चाहिए।

    मोदी के भाषण में भी सोते रहे सिन्हा

    सीबीआइ प्रमुख पद से विदा हो रहे रंजीत सिन्हा रविवार को प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान भी सोते रहे। पुलिस प्रमुखों के सम्मेलन के शनिवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के उद्घाटन में भी वे झपकी ले रहे थे।