संघ ने संकेतों में कहा, आडवाणी हैं भाजपा की जरूरत
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को दरकिनार कर पीएम उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम घोषित किए जाने बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आगामी लोकसभा चुनाव में आडवाणी की भूमिका को अहम बताकर नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है। आडवाणी की किताब के विमोचन के अवसर पर
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को दरकिनार कर पीएम उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम घोषित किए जाने बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आगामी लोकसभा चुनाव में आडवाणी की भूमिका को अहम बताकर नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है।
आडवाणी की किताब के विमोचन के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने संकेतों में भाजपा को आडवाणी की जरूरत बताया। उन्होंने एक महिला की कहानी सुनाई। इस दौरान संकेतों में भागवत ने आडवाणी को पार्टी में महत्वपूर्ण रोल निभाने का आग्रह करते हुए कहा, 'वहीं रहना..ताकि गांव को आग न लगे। जो भी आपको जीवन में मिलेगा उसका आपको हैप्पी मीनिंग खोजना चाहिए।'
इस चर्चा से संघ प्रमुख ने लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में नए साथियों को जोड़ने के लिए मोदी की जगह आडवाणी को तरजीह दिए जाने के संकेत दिए हैं। लेकिन इस पर भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पुराने सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा है कि आडवाणी के आने से भी अब भाजपा के साथ नहीं जुड़ सकते हैं। वहीं, भाजपा सचिव रामेश्वर चौरसिया ने इस बाबत पूछे गए सवाल पर कहा कि राजनीति में रिटायरमेंट की उम्र नहीं होती।
पढ़ें : लोकसभा में 100 सीटें भी नहीं जीतेगी कांग्रेस : आडवाणी
मालूम हो कि 2009 में भाजपा ने आडवाणी को आगे कर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी को मात खानी पड़ी थी। इस बार पार्टी ने मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित किया तो आडवाणी ने इसका खुलकर विरोध किया था और प्रतिक्रियास्वरूप पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा भी दे दिया था, लेकिन संघ ने उन्हें मना लिया।
पढ़ें : मोदी को जीत का श्रेय देने से कतराए आडवाणी
पढ़ें : भागवत ने की मोदी के खिलाफ बोलने वालों को चुप कराने की कोशिश
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर