शिवसेना ने येचुरी को 'डूबते जहाज का कप्तान' बताया
शिवसेना ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को 'एक डूबते जहाज का कप्तान' बताया है। पार्टी की नजर में वामदल देश में अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं। उनमें एक मजबूत विपक्ष के तौर पर उठ खड़े होने की हिम्मत नहीं है।
मुंबई। शिवसेना ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को 'एक डूबते जहाज का कप्तान' बताया है। पार्टी की नजर में वामदल देश में अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं। उनमें एक मजबूत विपक्ष के तौर पर उठ खड़े होने की हिम्मत नहीं है।
हालांकि निजी तौर पर शिवसेना ने येचुरी को अद्भुत गुणों से संपन्न व्यक्ति करार दिया है। माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात के कार्यकाल को 'विफल' बताते हुए शिवसेना ने कहा कि जिस दल के पास कभी लोकसभा में 50 सांसदों का संख्याबल था, आज उसके दस से भी कम सांसद हैं।
पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा है कि जिस दल ने पश्चिम बंगाल में तीन दशकों तक शासन किया, उसका ममता बनर्जी ने सफाया कर दिया। उसके पदाधिकारियों के बीच निराशा और कुंठा है। दरअसल, येचुरी को 'एक डूबते जहाज का कप्तान' बनाया गया है। येचुरी को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गत रविवार को माकपा का महासचिव चुना गया था।
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शिवसेना ने येचुरी की सराहना करते हुए उन्हें एक बढि़या सांसद और अच्छा लेखक बताया। कहा, येचुरी अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में कहीं आसानी से दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं से घुलमिल जाते हैं। पार्टी ने लिखा है कि अद्भुत गुणों से संपन्न एक व्यक्ति को माकपा की कमान सौंपी गई है, जबकि वास्तविकता यह है कि अब पार्टी बची ही नहीं।
एक तरह से उन्हें ऐसे गांव का मुखिया बनाया गया है, जहां कोई रहता ही नहीं है। पार्टी पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल व त्रिपुरा जैसे राज्यों में अपनी जमीन खो रही है। ऐसे में येचुरी के लिए यह चिंता का विषय होगा कि क्या माकपा एक 'राष्ट्रीय पार्टी' कहलाने लायक रहेगी? सवाल यह है कि अपनी पार्टी को फिर खड़ा करने के लिए येचुरी क्या नया करेंगे?
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