टेरेसा पर भागवत का बयान सही, ‘घरवापसी’ आंदोलन को मिलेगा बल: शिवसेना
पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित लेख में टेरेसा के प्रति भागवत के विचारों को सही बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि भागवत ने सच कहा और मिशनरियों ने उसका दुनिया भर में गलत प्रचार किया।
नई दिल्ली। मदर टेरेसा के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा की गई टिप्पणी का शिवसेना ने समर्थन किया है। पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित लेख में टेरेसा के प्रति भागवत के विचारों को सही बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि भागवत ने सच कहा और मिशनरियों ने उसका दुनिया भर में गलत प्रचार किया। पार्टी ने यहां तक कहा कि भारत में जितनी भी मिशनरी सेवा देने आई हैं, उनका इरादा ‘बदलाव’ का ही है। भागवत ने सच बोलते हुए एक ‘राष्ट्रवादी’ काम किया है।
‘मिशनरी का मुखौटा! भागवत की गलती क्या’ नामक प्रकाशित संपादकीय लेख में कहा गया है कि बीते सैंकड़ों सालों से न केवल इस देश में बल्कि पूरी दुनिया में मिशनरी संस्थाओं का यही उद्योग जारी है। झारखंड और छत्तींसगढ़ में गरीब आदिवासियों का जो धर्मांतरण हुआ, वह मिशनरियों की सेवा के नाम पर दिए गए प्रलोभन के चलते ही हुआ।
लेख में आगे लिखा है, हिंदूत्ववादी संगठनों ने जब घर वापसी के नाम पर फंसाकर धर्मांतरित किए गए लोगों को दोबारा हिंदू धर्म में वापस लाने का अभियान छेड़ा तो तमाम छद्म सेकुलरों का पेट दुखने लगा। उनकी धार्मिक सद्भावनाएं तब क्यों नहीं नष्ट हुईं जब गरीब हिंदूओं को लालच देकर दिगभ्रमित कर अन्य धर्मों में धर्मांतरित किया गया था। लेख के अंत में स्पष्ट लिखा गया है कि सरसंघचालक ने जो कुछ भी कहा है वह ‘घरवापसी’ के आंदोलन को बल देने वाला है।
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