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    'भागवत समेत कई अन्य को है कोई मानसिक बीमारी'

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Wed, 25 Feb 2015 12:04 AM (IST)

    दिल्ली कैथलिक आर्कडियोसीज के फादर डोमिनिक ने कहा है कि मोहन भागवत समेत कई अन्य लोगों को कोई मानसिक बीमारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते धार्मिक स्वतंत्रता की बात की थी, तो ये लोग उनके विकास के एजेंडे को या फिर उन पर निशाना साध रहे हैं।

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    नई दिल्ली। दिल्ली कैथलिक आर्कडियोसीज के फादर डोमिनिक ने कहा है कि मोहन भागवत समेत कई अन्य लोगों को कोई मानसिक बीमारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते धार्मिक स्वतंत्रता की बात की थी, तो ये लोग उनके विकास के एजेंडे को या फिर उन पर निशाना साध रहे हैं।

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    वही, आर्कबिशप थॉमस डिसूजा ने कहा है कि मदर टेरेसा जो हम सबकी सेवा की हैं, उनके बारे में इस तरह के बयान से स्तब्ध हैं। इसके खिलाफ हम निश्चित तौर पर विरोध दर्ज कराना चाहते हैं, लेकिन वह किस रूप में होगा इसके बारे में अभी बातचीत नहीं हुई है।

    वहीं, सीपीआइ ने डी राजा ने कहा है कि मोहन भागवत देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाना चाह रहे हैं। सरकार को इस अपना रुख साफ करना चाहिए।

    फादर डोमिनिक ने यह बयान मोहन भागवत के उस बयान के बाद आया है, जिसमें भागवत ने कहा है कि मदर टेरेसा की सेवा के पीछे धर्मांतरण था। स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत रत्न मदर टेरेसा की गरीबों के प्रति सेवा का मुख्य उद्देश्य लोगों को ईसाई बनाना था। लेकिन जब सेवा के नाम पर धर्मांतरण किया जाता है तो सेवा का महत्व कम हो जाता है। आपको बता दें, भागवत के बयान पर बेंगलुरु में प्रदर्शन हो रहा है।

    मोहन भागवत के इस बयान पर राजनीतिक दलों की तरफ से काफी तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि मदर टेरेसा एक पवित्र आत्मा थीं। कृपया उन्हें इस तरह के विवादों में घसीटें।

    वहीं, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को भागवत के इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए। अगर भाजपा ऐसा नहीं करती है तो हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।

    उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा है कि मोहन भागवत को इस बात की समझ ही नहीं है कि हिंदूइज्म क्या है?

    वहीं, दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने भागवत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा ने स्वयं लिखा है कि वह सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि वे जीसस की अनुयायी हैं और वे उनकी बातों को आगे बढ़ाना चाहती हैं।

    पढ़ेंः मदर टेरेसा की सेवा के पीछे था धर्मांतरण: भागवत

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