'मदर टेरेसा महान आत्मा थीं, उन्हें विवादों में न घसीटें'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मदर टेरेसा पर कई सवाल उठाए हैं। मदर टेरेसा के खिलाफ दिए गए उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि मदर टेरेसा एक अच्छी इंसान थीं और उन्हें
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मदर टेरेसा पर कई सवाल उठाए हैं। मदर टेरेसा के खिलाफ दिए गए उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि मदर टेरेसा एक अच्छी इंसान थीं और उन्हें विवादों में न घसीटा जाए।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'मदर टेरेसा एक महान आत्मा थीं। मैंने उनके साथ कोलकाता में कुछ महीने निर्मल हरिडे आश्रम में काम किया था। कृपया उनके नाम को विवादों में न घसीटा जाए।'
उधर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैं मदर टेरेसा के खिलाफ मोहन भागवत द्वारा की गई कठोर टिप्पणी की निंदा करता हूं। मदर टेरेसा ने पूरे समर्पण के साथ गरीब और असहाय लोगों की सेवा की थी। मानव सेवा के लिए समर्पित ऐसी महिला पर आरोप लगाना अच्छी बात नहीं है।' कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा है कि मोहन भागवत का बयान मदर टेरेसा को अपमानित करने वाला है। भाजपा को इस पर माफी मांगनी चाहिए। हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
संसद में हंगामे के आसार
सोमवार से बजट सत्र शुरू हो चुका है। ऐसे में मोहन भागवत के कथित बयान के चलते संसद में हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि आरएसएस ने ट्वीट के जरिए इस बात का खंडन किया है। आरएसएस का कहना है कि यह बयान भागवत ने नहीं दिया है। लेकिन भाजपा को घेरने के लिए विपक्ष को यह अच्छा मौका मिल गया है।
गौरतलब है कि राजस्थान में भरतपुर के पास एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत रत्न मदर टेरेसा की गरीबों के प्रति सेवा का मुख्य उद्देश्य लोगों को ईसाई बनाना था। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा की सेवा अच्छी हो सकती है। लेकिन सेवा पाने वाले लोगों को ईसाई बनाना एक प्रमुख उद्देश्य था। सवाल धर्मांतरण का नहीं है। लेकिन जब सेवा के नाम पर धर्मांतरण किया जाता है तो सेवा का महत्व कम हो जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।