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    शिवसेना ने मोदी को बताया ढोंगी

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Wed, 21 Oct 2015 09:55 PM (IST)

    केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा परोक्ष रूप से चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोल दिया है। शिवसेना द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद इसने पोस्टर के जरिये पलटवार किया है। बुधवार को शिवसेना के मुख्यालय

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    मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा परोक्ष रूप से चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोल दिया है। शिवसेना द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद इसने पोस्टर के जरिये पलटवार किया है। बुधवार को शिवसेना के मुख्यालय के बाहर एक बड़ा पोस्टर नजर आया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और दिवंगत गोपीनाथ मुंडे के अलावा कई वरिष्ठ भाजपा नेता शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के साथ दिखे। पोस्टर में सबसे बड़ी तस्वीर में नरेंद्र मोदी ठाकरे के सामने सिर झुकाए, हाथ जोड़े दिख रहे थे। इसके अलावा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राकांपा नेता शरद पवार भी बाला साहेब के साथ दिख रहे थे।

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    इसमें शिवसेना ने नरेंद्र मोदी को ढोंगी करार दिया। इसके अनुसार, 'ढोंग करने वाले लोग भूल गए वो दिन, जब उनकी गर्व से ऊंची हुई गर्दन कभी बाला साहेब ठाकरे के चरणों में झुकी हुई थी।' पोस्टर में लगी फोटो मोदी और बाला साहेब की मुलाकात के दौरान की थी। हालांकि, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक निकट सहयोगी ने बताया कि पार्टी इस पोस्टर का समर्थन नहीं करती है। यह काम किसी नाराज कार्यकर्ता का हो सकता है। दूसरी तरफ, महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता गिरीश व्यास ने कहा कि भविष्य में कोई उद्धव के बेटे आदित्य को भी मोदी के सामने सिर झुकाए देख सकता है। बीएमसी ने बाद में शिवसेना के इस पोस्टर को हटा दिया।

    कांग्रेस ने माफी मांगने को कहा

    महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पोस्टर वार में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घसीटने के लिए शिवसेना की आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इसके लिए शिवसेना से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि मुखर्जी सिर्फ अपने से बड़े व्यक्ति का अभिवादन कर रहे थे। वे किसी के आगे झुके हुए नहीं थे। राष्ट्रपति का इस तरह से पोस्टर में इस्तेमाल अपमानजनक है।

    भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

    इस मामले पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर शिवसेना ये सोचती है कि जिस तरह का सम्मान हम बाला साहब को देते थे, वही सम्मान हम उद्धव और आदित्य का करेंगे तो वो उनकी भूल है। इसके साथ ही भाजपा नेता गिरीश व्यास ने कहा कि उन्हें आशा है कि पोस्टर में जिस तरह लोग बाला साहब के सम्मान में झुके हैं वैसे ही भविष्य में आदित्य पीएम मोदी के सम्मान में ऐसे ही झुकेंगे।

    तो वहीं शिवसेना नेता राजेंद्र राउत ने सफाई देते हुए कहा कि ये पोस्टर शिवसेना ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए लगाया है। इसमें किसी भी नेता की तौहीन का तो सवाल ही नहीं है।

    इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वो केंद्र में बैठे बड़े नेताओं के बयान का इंतजार कर रहे हैं। ये हमला संजय राउत ने सीधे वित्त मंत्री अरुण जेटली पर किया है। उन्होंने शिवसेना के विरोध सख्त एतराज जताते हुए कहा था कि विरोध करने का सभ्य तरीका अपनाना चाहिए।

    जेटली ने कहा था कि उग्र प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को आत्मचिंतन भी करना चाहिए। तोड़फोड़ से माहौल खराब होता है। ऐसे में उन्हें इस पर विचार करना चाहिए कि वे लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ा रहे हैं या दुनिया के सामने भारत की विश्वसनीयता कम कर रहे हैं।

    इस पर राउत ने कहा कि टॉलरेंस पर जो बड़े बड़े नेता बयानबाजी कर रहे हैं उस पर भी उनकी पार्टी विचार कर रही है।

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