Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंच पर थी शेख हसीना और प्रधानमंत्री मोदी ने साधा पाकिस्तान पर निशाना

    By Digpal SinghEdited By:
    Updated: Sun, 09 Apr 2017 11:24 AM (IST)

    पीएम ने कहा कि भारतीय सैनिको के बलिदानों के लिए मैं और पूरा देश सभी शहीदों को कोटि-कोटि नमन करते हैं।

    मंच पर थी शेख हसीना और प्रधानमंत्री मोदी ने साधा पाकिस्तान पर निशाना


    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । बांग्लादेश के साथ दोस्ती के नए युग की शुरुआत करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी सीमा पर लगे अपने एक और पड़ोसी देश पाकिस्तान को उसकी आतंकवाद को पोषित करने संबंधी मानसिकता पर करारा प्रहार किया है। वैसे मोदी ने नाम तो किसी देश का नहीं लिया है लेकिन उन्होंने शक की कोई गुंजाइश भी नहीं रखी है। मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में मारे गये भारतीय सैनिकों को सम्मानित करने को लेकर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेहद भावनात्मक माहौल में मोदी ने बहुत ही करीने से आतंकवाद से जूझते भारत व बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति की तुलना वर्ष 1971 की उस मानसिकता से की जो बांग्लादेश को दबाने की कोशिश कर रहा था।मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश की विकास की विचारधाराओं के विपरीत दक्षिण एशिया में एक मानसिकता आतंकवाद की प्रेरणा व उसका प्रेषक है। ऐसी सोच जिसके नीति निर्माताओं को मानववाद से बड़ा आतंकवाद लगता है।

    विकास से बड़ा विनाश लगता है और सृजन से बड़ा संहार लगता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि ''आज बांग्लादेश की त्रासदी के पीछे की मानसिकता तो नकारने का भी दिन है।''तो क्या मोदी ने इस मौके पर पाकिस्तान पर परोक्ष तौर पर हमला करते हुए उसे यह संदेश भी दिया है कि वह आतंक की राह छोड़ कर भारत के साथ विकास की राह पर चले? जब यह सवाल विदेश सचिव एस जयशंकर से किया गया तो उनका जवाब था कि, भारत शुरु से ही पड़ोसी सबसे पहले (नेबरहुड फ‌र्स्ट) की नीति लागू किया हुआ है और बांग्लादेश इस नीति की सफलता का सबसे बड़ा उदाहरण है।

    भारत ने बांग्लादेश के साथ मिल कर यह दिखाया है कि दक्षिण एशिया में दो देशों के बीच एक दूसरे के हितों को ध्यान में रखते हुए किस तरह से आगे बढ़ा सकता है। अब यह दूसरे देशों पर है कि वह इससे कुछ सीखते हुए आगे बढ़े। विदेश मंत्रालय के अधिकारी मानते है कि जिस तरह से उड़ी हमले के बाद और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद या सार्क बैठक रद्द करने के मामले में बांग्लादेश ने जिस तरह से आगे बढ़ कर भारत की कूटनीतिक मदद की उससे पाकिस्तान पर दबाव बनाने में मदद मिली है। यह स्थिति भारत सरकार की तरफ से लगातार दस वर्षो की कोशिश का नतीजा है। दस वर्ष पहले तक ढाका पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का गढ़ बनता जा रहा है। वहां से भारत में न सिर्फ आतंकी भेजे जा रहे थे बल्कि उल्फा उग्रवादियों को वहां पनाह भी दिया जा रहा था। अब यह सब खत्म हो चुका है।

    यह भी पढ़ें: ...तो इस वजह से शेख हसीना की आगवानी करने एयरपोर्ट पहुंचे थे पीएम मोदी

    यह भी पढ़ें: ढाका में बीजिंग का असर घटाएगी हसीना-मोदी मुलाकात