तेलंगाना के साथ-साथ इन अलग राज्यों की हो रही जोरदार मांग
कांग्रेस ने तेलंगाना को पृथक राज्य बनाने का निर्णय कर उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड, हरित प्रदेश और पूर्वाचल राज्य बनाने की मांग को नई हवा दे दी है। बसपा अध्यक्ष मायावती अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में इस आशय का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेज चुकी हैं। लेकिन प्रदेश की मौजूदा सपा सरकार छोटे राज्यों के खिल
नई दिल्ली। कांग्रेस ने तेलंगाना को पृथक राज्य बनाने का निर्णय कर उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड, हरित प्रदेश और पूर्वांचल राज्य बनाने की मांग को नई हवा दे दी है।
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बसपा अध्यक्ष मायावती अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में इस आशय का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेज चुकी हैं। लेकिन प्रदेश की मौजूदा सपा सरकार छोटे राज्यों के खिलाफ है।
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बुंदेलखंड राज्य के लिए मुहिम चलाने वाले फिल्म अभिनेता से नेता बने राजा बुंदेला तो तेलंगाना राज्य बनाए जाने के फैसले से खासे उत्साहित हैं। नेशनल फेडरेशन फॉर न्यू स्टेट्स से जुड़े राजा बुंदेला ने कहा कि तेलंगाना राज्य के लिए किया गया संघर्ष आखिरकार रंग लाया और इससे बुंदेलखंड राज्य की मांग करने वालों को भी उम्मीद की रोशनी दिखाई पड़ी है। मध्य प्रदेश के आगामी विधान सभा चुनाव में पृथक बुंदेलखंड का मुद्दा जोर शोर से उठाया जाएगा।
एक समय पूर्वांचल राज्य बनाने के लिए संघर्षरत पूर्व मंत्री शतरूद्ध प्रकाश अब समाजवादी पार्टी में हैं और ऐसे में इस मुद्दे पर उनके लिए अपनी राय जाहिर करना खासा मुश्किल है। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तेलंगाना बनने से पूर्वाचल का कोई तात्कालिक रिश्ता नहीं है। दार्शनिक अंदाज में सावधानी बरतते हुए उन्होंने कहा कि जहां आशंकाएं हैं वहीं संभावनाएं भी होती हैं। कोई नहीं जानता कि भविष्य के गर्भ में क्या है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश को हरित प्रदेश के नाम से नया राज्य बनाए जाने की मांग करने वाले राष्ट्रीय लोकदल ने तेलंगाना के गठन को सुखद बताते हुए वृदांवन में चल रही पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में ताजा घटनाक्रम का स्वागत किया है। चौधरी अजित सिंह ने इसे हरित प्रदेश के गठन के लिए सकारात्मक संकेत करार दिया है।
झांसी । आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य निर्माण की घोषणा के बाद बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने मधुसूदन मिस्त्री से मिलकर कांग्रेस पर अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए दबाव बनाने को कहा। इस मुद्दे पर वह इलाके के सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे। तेलंगाना राज्य गठन के फैसले से उत्साहित स्थानीय संगठन भी आंदोलन तेज करने की रणनीति बना रहे हैं।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि भारत में कितने अलग राज्य होने की मांग हो रहे हैं :
1. लद्दाख : जम्मू-कश्मीर
2. हरित प्रदेश : उत्तर प्रदेश के 6 संभागों, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, व सहारनपुर के 22 जिले
3. बुंदेलखंड : उत्तर प्रदेश के सात व मध्य प्रदेश के 6 जिले
4. मारूप्रदेश : राजस्थान
5. सौराष्ट्र : गुजरात
6. विदर्भ : महाराष्ट्र के अमरावती व नागपुर संभाग
7. तुलुनाडु : कर्नाटक
8. कोंगुनाडु : तमिलनाडु
9. अवध प्रदेश : मध्य उत्तर प्रदेश के 13 जिले
10. पूर्वाचल : उत्तर प्रदेश
11. कोसल : उड़ीसा
12. बाघेलखंड : मध्यप्रदेश
13. तेलंगाना : आंध्रप्रदेश
14. आंध्रा : आंध्रप्रदेश
15. रायलसीमा : आंध्रप्रदेश
16. कराईकल : तमिलनाडु
17. बोडोलैंड : असम में 3082 बोड़ो बहुत गांवों वाले चार जिले
18. कार्बी आंगलांग : असम
19. गोरखालैंड : पश्चिम बंगाल व असम के 11 जिले
20. कामतापुर : पश्चिम बंगाल
21. मिथिलांचल : मैथिलभाषी बिहार के 24 व झारखंड के 6 जिले
22. अंडमान : अंडमान निकोबार
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