मसर्रत की गिरफ्तारी के बाद घाटी में पत्थरबाजी, 30 घायल
राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को अलगाववादियों के त्राल चलो मार्च को नाकाम बना दिया, लेकिन इस दौरान हुई हिंसक झड़पों में 21 पुलिसकर्मियों समेत करीब 30 लोग जख्मी हो। गए अलगाववादियों के समर्थकों ने प्रदर्शन के दौरान पथराव करने के साथ राष्ट्रीय ध्वज को भी जला दिया, जिसके बाद पुलिस
श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को अलगाववादियों के त्राल चलो मार्च को नाकाम बना दिया, लेकिन इस दौरान हुई हिंसक झड़पों में 21 पुलिसकर्मियों समेत करीब 30 लोग जख्मी हो। गए अलगाववादियों के समर्थकों ने प्रदर्शन के दौरान पथराव करने के साथ राष्ट्रीय ध्वज को भी जला दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज व आंसूगैस का इस्तेमाल कर भीड़ को खदेड़ा।
त्राल में गत सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी के अलावा एक आतंकी के भाई की मौत के खिलाफ हुर्रियत समेत सभी अलगाववादी संगठनों ने शुक्रवार को त्राल चलो मार्च का ऐलान किया था। इस कारण त्राल कस्बे में आने-जाने के सभी रास्ते पूरी तरह बंद थे और पूरे इलाके में निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू किया गया था।
श्रीनगर शहर में दोपहर तक पुलिस व सीआरपीएफ के जवान हर जगह मुस्तैदी से शरारती तत्वों पर नजर रखे हुए थे। नमाज-ए-जुमा के बाद स्थिति बिगड़ गई। दरअसल मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की नजरबंदी नमाज-ए-जुमा से पहले हटा दी गई, जिसके बाद उन्होंने डाउन-टाउन में जामिया मस्जिद के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान वहां जमकर भारत विरोधी नारेबाजी भी हुई। मीरवाइज के निकलते ही वहां हिंसा भड़क उठी। भारत विरोधी नारेबाजी कर रहे युवकों ने तिरंगा भी जलाया।
यह देखकर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर उन्हें रोका तो पूरे इलाके में पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने पथराव कर रहे युवकों को खदेडऩे के लिए लाठियों के साथ आंसूगैस का भी सहारा लिया। उधर, त्राल कस्बे में पूरी तरह कर्फ्यू जैसी स्थिति थी। नमाज के बाद लोग निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर सड़कों पर उतर आए और पथराव करने लगे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिेसक झड़पें त्राल और उसके साथ सटे इलाकों में देर शाम तक जारी रहीं। दिनभर हुई हिंसा में एक थाना प्रभारी समेत 21 पुलिसकर्मी और नौ आम लोग भी घायल हो गए।
इस बीच, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, बारामुला और सोपोर से भी नमाज ए जुमा के बाद हड़ताल की सूचना है।
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मुफ्ती से मिलेंगे राम माधव
मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा भी कड़ा रुख अपनाए हुए है। भाजपा महासचिव राम माधव मसर्रत के मुद्दे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद और उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह से मुलाकात कर सकते हैं। पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उनकी पार्टी की नीति स्पष्ट है। पार्टी के नेता नलिन कोहली ने कहा कि हम राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर, अलगाववाद और राष्ट्रवाद के विषय को लेकर न कोई समझौता हुआ है और न ही होगा।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा है। आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बदतर व्यवस्था का जवाब भाजपा सरकार को देना चाहिए। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आश्वस्त करें कि घाटी में दोबारा से ऐसी हिमाकत नहीं होगी।
मसर्रत ने आरोपों को बताया निराधार
दरअसल, मसर्रत को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। तीन दिनों पहले श्रीनगर रैली के दौरान मसर्रत ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे और रैली में उसके समर्थकों ने पाकिस्तानी झंडे भी लहराए थे। इसके चलते दो दिनों पहले मसर्रत के खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। हालांकि मसर्रत ने इन आरोपों को गलत बताया है।
नजरबंद कर दिए गए थे मसर्रत सहित छह अलगाववादी
इससे पहले कल मसर्रत सहित छह अलगाववादियों को अपने अपने घरों में नजरबंद कर दिया गया था। इनमें गिलानी और मीर वायज मौलवी फारूक शामिल है, लेकिन पूरे देश में इस बात को लेकर काफी नाराजगी थी कि खुलेआम सड़कों पर राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल होने के बावजूद उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। इस बात के लिए मुफ्ती सरकार पर भारी दबाव था। इन दबावों के आगे मुफ्ती सरकार को झुकना पड़ा और आज सुबह मसर्रत को गिरफ्तार कर लिया गया।
सरकार में शामिल भाजपा इन बातों के लेकर काफी नाराज थी। भाजपा के मंत्रियों ने चेतावनी दी थी कि अगर मसर्रत को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।