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रोजेदार के अपमान पर उबली संसद, बैकफुट पर शिवसेना

महाराष्ट्र सदन में एक रोजेदार को रोटी खिलाने की शिवसेना सांसदों की कोशिश के सनसनीखेज मामले ने संसद के दोनों सदनों में हंगामा खड़ा कर दिया। महाराष्ट्र सदन में 17 जुलाई को घटी इस घटना से गुस्साए विपक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नाराजगी जताई, तो भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी, एमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी और राजद के पप्पू यादव के बीच तनातनी की स्थिति बन गई। इस दृश्य से विचलित लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने असंसदीय हरकत करने वाले सांसदों पर कड़ी टिप्पणियां कर

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 10:13 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 08:20 AM (IST)
रोजेदार के अपमान पर उबली संसद, बैकफुट पर शिवसेना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सदन में एक रोजेदार को रोटी खिलाने की शिवसेना सांसदों की कोशिश के सनसनीखेज मामले ने संसद के दोनों सदनों में हंगामा खड़ा कर दिया। महाराष्ट्र सदन में 17 जुलाई को घटी इस घटना से गुस्साए विपक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नाराजगी जताई, तो भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी, एमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी और राजद के पप्पू यादव के बीच तनातनी की स्थिति बन गई। इस दृश्य से विचलित लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने असंसदीय हरकत करने वाले सांसदों पर कड़ी टिप्पणियां कर उन्हें चेतावनी भी दी। हालांकि, मामले के मुख्य आरोपी शिवसेना सांसद राजन विचारे ने बाद में माफी मांग ली, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर घटना की जांच कराने की मांग की है। मामले पर हंगामे से राज्यसभा की कार्यवाही भी बाधित हुई।

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बुधवार सुबह से ही सदन का माहौल गर्म था। कांग्रेस समेत कई दलों के सदस्यों ने महाराष्ट्र सदन में शिवसेना सदस्यों के व्यवहार के खिलाफ चर्चा का नोटिस दिया था। पूरी घटना को धार्मिक रंग देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना सदस्यों ने महाराष्ट्र सदन कैंटीन के मुस्लिम मैनेजर का रोजा तोड़कर अपराध किया है। कुछ सदस्यों ने जबरन रोटी खिलाने की कोशिश को रोटी गले उतार देने की तरह पेश किया। कई सदस्यों ने महाराष्ट्र सदन की घटना में शामिल रहे शिवसेना के सभी 11 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मामले की जांच के लिए लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा राकांपा के तारिक अनवर, आरएसपी से एनके प्रेमचंद्रन, माकपा के पी. करुणाकरन, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, आइयूएमएल के ईटीएम बशीर और केरल कांग्रेस-एम के जोस के मणि ने हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पूरी घटना पर चिंतित है और चुनावी साल में इसे सांप्रदायिक रंग देने के पक्ष में नहीं है। संसद के सचिवालय ने इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है और मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने मुख्य सचिव जेएस सहरिया को तत्काल जवाब देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मामले को जल्द सुलझाने को कहा है।

भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता ने इस पर बयान नहीं दिया, लेकिन कुछ नेता इस घटना से आहत दिखे। लालकृष्ण आडवाणी भी इस घटना से नाराज बताए गए। पहली बार चुनकर लोकसभा पहुंचे भाजपा सदस्य बिधूड़ी हस्तक्षेप करने से नहीं चूके। उन्होंने आपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद कुछ देर के लिए लोकसभा के अंदर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कांग्रेस, राकांपा, वामदल, पीडीपी और एआइएमआइएम ने सदन से बहिर्गमन किया। लोकसभा अध्यक्ष को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने भी इस घटना की निंदा की। हालांकि, सदन में कोई बयान नहीं आया। शिवसेना के कोटे से केंद्रीय मंत्री बने अनंत गीते ने पूरी घटना को असत्य करार देकर खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जो रमजान के महीने की इज्जत करना चाहते हैं वे सदन में झूठी बयानबाजी न करें। कांग्रेस इस मुद्दे पर एकजुट होकर शिवसेना और उसके बहाने सरकार को घेरना चाहती है।

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