मद्रास IIT कैंपस के बाहर हंगामा, प्रतिबंध के विरोध में उतरे कई संगठन
मद्रास आइआइटी विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली में एनएसयूआइ के प्रदर्शन के बाद अब डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीयूएफआइ) और आरएसवाईएफ के कार्यकर्ता भी इसमें कूद पड़े हैं। विरोध को देखते हुए प्रशासन ने वहां सुरक्षा ब़ढ़ा दी और मद्रास आइआइटी कैंपस के बाहर
नई दिल्ली। मद्रास आइआइटी विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली में एनएसयूआइ के प्रदर्शन के बाद अब डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीयूएफआइ) और आरएसवाईएफ के कार्यकर्ता भी इसमें कूद पड़े हैं। विरोध को देखते हुए प्रशासन ने वहां सुरक्षा ब़ढ़ा दी और मद्रास आइआइटी कैंपस के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
मद्रास आइआइटी के छात्र संगठन आंबेडकर-पेरियार सर्कल ( एपीसी) पर लगे प्रतिबंध का आज भी जमकर विरोध हुआ। विरोध को लेकर शनिवार की सुबह डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीयूएफआइ) के कार्यकर्ता मद्रास आइआइटी कैंपस के बाहर जमा हो गए और कॉलेज प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वे छात्र संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था छात्र संगठन पर प्रतिबंध लगाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है।
हालांकि प्रदर्शन को उग्र होता देख पुलिस ने कैंपस में प्रवेश पर रोक लगा दी। इस दौरान प्रदर्शनकारी जबरन कैंपस में घुसने की कोशिश करने लगे। पुलिस के रोकने पर वे धक्कामु्क्की पर उतर आए, जिसके बाद पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
कुछ देर बाद इस विरोध प्रदर्शन में आरएसवाईएफ के कार्यकर्ता भी शामिल हो गए। ये लोग वहां सड़कों पर लेट गए और रोड जाम कर हंगामा करने लगे। रोड जाम होने से वहां लंबा जाम लग गया। हंगामा बढ़ता पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां हटाया और फिर सभी हिरासत में ले लिया।
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वहीं इससे पहले शुक्रवार को इस मुद्दे पर दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के आधिकारिक आवास के बाहर सैकड़ों की संख्या में एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। कांग्रेस छात्र संघ के प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और छात्र संगठन के खिलाफ हुई कार्रवाई के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्रालय का हाथ होने का आरोप लगाया था।
बता दें कि मद्रास आइआइटी के दलित स्टूडेंट्स संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की थी और इसके लिए कॉलेज की आईडी का इस्तेमाल किया था। इसकी शिकायत के बाद मद्रास आइआइटी ने दलित स्टूडेंट्स संगठन के एक फोरम पर बैन लगा दिया था। छात्र समूह के खिलाफ एक अज्ञात शिकायत मिलने के बाद आइआइटी ने यह कदम उठाया था। वहीं, इस समूह ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें आइआइटी प्रशासन ने सफाई देने का मौका नहीं दिया गया और एकतरफा ढंग से कार्रवाई करते हुए बैन लगा दिया।
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