आइएएस दुर्गा से अन्याय पर उबाल
गौतमबुद्ध नगर के एसडीएम पद से महिला आइएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन उत्तर प्रदेश सरकार के लिए जी का जंजाल बन गया है। बिना कारण स्पष्ट किए गुरुवार को 2010 बैच की इस महिला अधिकारी का निलंबन किया गया था। बाद में इस कार्रवाई को इलाके में हो रहे अवैध खनन को रोकने का नतीजा माना गया। दुर्गा का निलंबन होते ही अवैध खनन फिर शुरू हो गया। सरकार की कार्रवाई के विरोध में भाजपा, आम आदमी पार्टी और इलाके के लोग खड़े हो गए हैं।
लखनऊ [जेएनएन]। गौतमबुद्ध नगर के एसडीएम पद से महिला आइएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन उत्तर प्रदेश सरकार के लिए जी का जंजाल बन गया है। बिना कारण स्पष्ट किए गुरुवार को 2010 बैच की इस महिला अधिकारी का निलंबन किया गया था। बाद में इस कार्रवाई को इलाके में हो रहे अवैध खनन को रोकने का नतीजा माना गया। दुर्गा का निलंबन होते ही अवैध खनन फिर शुरू हो गया। सरकार की कार्रवाई के विरोध में भाजपा, आम आदमी पार्टी और इलाके के लोग खड़े हो गए हैं।
गौतमबुद्ध नगर के कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करके जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया। आइएएस एसोसिएशन ने भी विरोध जाहिर कर दिया है।
मामला गरमाने पर प्रदेश सरकार ने कहा, दुर्गा को निलंबित करने के लिए इलाके की एक मस्जिद की दीवार को गिरवाने के मामले को आधार बनाया गया है। कहा कि इसके लिए निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। प्रदेश सरकार की समस्या यह है कि कोई भी उसकी इस दलील को सही नहीं मान रहा। आइएएस एसोसिएशन ने सोमवार को प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य सचिव आलोक रंजन से मिलकर उन्हें इस बाबत अपनी आपत्ति से वाकिफ कराया और मांग की कि दुर्गा का निलंबन अविलंब वापस लिया जाए। आलोक रंजन ने कहा है कि मामले को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष रखा जाएगा। मुख्यमंत्री फिलहाल बेंगलूर की यात्रा पर हैं।
पढ़ें: खनन माफिया में था आइएएस दुर्गा का खौफ
इस बीच, निलंबित आइएएस अधिकारी दुर्गा को प्रदेश राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। दुर्गा को उत्तर प्रदेश में पहली नियुक्ति के महज दस महीने बाद निलंबित किया गया है। प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री व मुख्यमंत्री के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि निलंबन से जुड़े पूरे मामले की जांच चल रही है। जांच का नतीजा आए बगैर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं है। जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बंगलूर से लौटकर मामले को देखने की बात कही है। विपक्ष ने सरकार पर बालू खनन माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए ईमानदार आइएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का आरोप लगाया है।
हाल के महीनों में हरियाणा के अधिकारी अशोक खेमका के बाद वह दूसरी आइएएस अधिकारी हैं, जिनके बारे में सरकार के फैसले के बाद बवाल मचा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों की जांच करवाने पर हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ आइएएस खेमका का तबादला किया था।
मस्जिद की दीवार बनाने की फिर कोशिश
गौतमबुद्ध नगर जिले के दनकौर ब्लॉक के जिस कादलपुर गांव की मस्जिद की दीवार को एसडीएम रहते हुए दुर्गा ने गिरवाया था, उसे सोमवार को फिर बनाने की कोशिश की गई। लेकिन मौके पर तैनात पुलिस ने यह कोशिश सफल नहीं होने दी।
मूल रूप से दिल्ली की हैं अधिकारी
दुर्गा शक्ति नागपाल दिल्ली की मूल निवासी हैं। सरकारी दस्तावेजों में उनकी शैक्षिक योग्यता स्नातक दर्ज है। 2010 में आइएएस सेवा में चयनित होने के बाद उन्हें पंजाब कॉडर आवंटित हुआ। 2011 बैच के आइएएस और जौनपुर [उप्र] के मूल निवासी अभिषेक सिंह से विवाह के बाद वह यूपी कॉडर में आईं। प्रदेश सरकार ने उनकी पहली तैनाती ही गौतमबुद्ध नगर के एसडीएम के रूप में की और अभिषेक सिंह को गाजियाबाद में तैनात किया।
किसने क्या कहा?
'उप्र सरकार की इस कार्रवाई से पता चलता है कि खनन माफिया कितना ताकतवर है। उत्तर प्रदेश की तरह ही मध्य प्रदेश सरकार को भी यही माफिया चला रहा है।'
- दिग्विजय सिंह, महासचिव कांग्रेस
'अखिलेश सरकार के निर्णय से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में किस प्रकार से गुंडाराज व्याप्त है जिसमें माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए आइएएस अधिकारी को भी नहीं बख्शा जाता।'
- प्रकाश जावड़ेकर, राष्ट्रीय प्रवक्ता भाजपा
दुर्गा को शक्तिहीन करने पर गुस्से की लहर
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। अपने नाम को सार्थक साबित करने वाली युवा और उत्साही आइएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर आम लोगों, पूर्व नौकरशाहों, सिविल सोसाइटी के साथ विपक्षी दलों में भी आक्रोश है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक अखिलेश सरकार के खिलाफ गुस्से का इजहार हो रहा है। गुस्से की सबसे तेज लहर ट्विटर पर दिख रही है।
दुर्गा के निलंबन से ऐसा लगता है कि सपा सरकार विपक्ष के आरोपों को सही साबित करने पर आमादा है।
-प्रकाश सिंह, पूर्व डीजीपी, उप्र
यूपी के चीफ सेक्रेटी कह रहे हैं कि वह दुर्गा के निलंबन मामले को देखेंगे। आखिर उन्होंने ऐसा होने ही क्यों दिया?
-किरण बेदी, पूंर्व आइपीएस
दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन तत्काल प्रभाव से वापस होना चाहिए नहीं तो आंदोलन होगा।
-अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी
-दुर्गा शक्ति के निलंबन के विरोध में देश भर के आइएएस को हड़ताल पर चले जाना चाहिए। इससे ही नेताओं को समझ में आएगा।
-अशोक पंडित, फिल्मकार
सपा की भ्रष्ट और सांप्रदायिक सरकार द्वारा एक बहादुर और साहसी आइएएस का निलंबन निंदनीय है। नोएडा का रेत माफिया सपा का गॅाडफादर हैं।
-मिन्हाज मर्चेट, स्तंभकार
ईमानदार अफसरों पर बिना वजह निलंबन जैसी कार्रवाई होगी तो अधिकारी काला धंधा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचने लगेंगे। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी।
-टी जार्ज जोसफ, पूर्व आइएएस
गड़बड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने पर निलंबन की सजा मिलेगी तो कोई अफसर काम नहीं करेगा। अधिकारी जनता की भलाई के लिए ही काम करता है। उसका अपना कोई हित नहीं होता।
-ब्रजेश कुमार, पूर्व आइएएस
आइएएस दुर्गा शक्ति के साथ हुआ व्यवहार बताता है कि सिस्टम कुछ कर गुजरने को तैयार युवा अफसरों को किस तरह परेशान करता है।
-नरेंद्र नाथ
दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित कर सरकार ने अन्य आइएएस, आइपीएस, पीसीएस को यही संदेश दिया है कि अगर आप भ्रष्टाचार के आड़े आए तो वैसा ही हश्र होगा जैसा दुर्गा का हुआ।
-प्रो एनके पांडेय
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