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भूमाफियाओं पर भी दुर्गा ने डाली थी नकेल

जिले में न केवल अवैध खनन का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है, बल्कि ग्राम समाज की जमीन को कब्जाने का गोरखधंधा भी खूब फल फूल रहा है। तेजतर्रार और ईमानदार छवि की आइएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल ने एसडीएम सदर के पद पर रहते हुए इन गोरखधंधों पर लगाम लगा दी थी।जिले में न केवल अवैध खनन का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है, बल्कि ग्राम समाज की जमीन को कब्जाने का गोरखधंधा भी खूब फल फूल रहा है।

By Edited By: Published: Tue, 30 Jul 2013 01:28 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2013 04:10 AM (IST)
भूमाफियाओं पर भी दुर्गा ने डाली थी नकेल

ग्रेटर नोएडा [धर्मेद्र चंदेल]। जिले में न केवल अवैध खनन का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है, बल्कि ग्राम समाज की जमीन को कब्जाने का गोरखधंधा भी खूब फल फूल रहा है। तेजतर्रार और ईमानदार छवि की आइएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल ने एसडीएम सदर के पद पर रहते हुए इन गोरखधंधों पर लगाम लगा दी थी। उन्होंने केवल खनन माफिया के नकेल डाली, बल्कि भू-माफियों के मंसूबों पर भी पानी फेर दिया था। इससे दुर्गा को अवैध कारोबार करने वालों की आंखों की किरकिरी बन गई थीं। खनन और भू माफिया पिछले तीन माह से दुर्गा शक्ति को जनपद से हटवाने की फिराक में थे। इसके लिए शासन पर दबाव बनाया जा रहा था। दनकौर के कदालपुर गांव में भी लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध तरीके से धार्मिक स्थल बनाना शुरू कर दिया था। जबकि, नियमानुसर प्रशासन की बिना अनुमति के धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट और शासन के निर्देश का पालन कराने के लिए भी दुर्गा शक्ति ने धार्मिक स्थल की दीवार गिरवाई।

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पढ़ें: दुर्गा से अन्याय पर उबाल

दरअसल नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना के बाद जिले में जमीन की कीमत आसमान छूने लगी हैं। इमारतों के निर्माण में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में बालू खपती है। इसका फायदा खनन और भू माफिया उठा रहे हैं। ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे कर उन पर कालोनी काटी जा रही है। तालाबों का मिट्टी से भराव कर अवैध मकान बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, भू माफिया ने गौचर, श्मशान, कब्रिस्तान व चकरोड की जमीन पर भी अवैध कब्जे कर लिए हैं। दुर्गा शक्ति नागपाल ने एसडीएम का पद संभालते ही अवैध कब्जे हटवाने के लिए अभियान चलाया था।

17 गांवों में ग्राम समाज की जमीन से हटवाए थे कब्जे

दुर्गा शक्ति नागपाल ने दनकौर, अट्टा गुजरान, भट्टा पारसौल, मिर्जापुर, गिरधपुर, सूरजपुर आदि 17 गांवों में अभियान चलाकर करीब 500 एकड़ ग्राम समाज की जमीन मुक्त कराई थी। इसके अलावा एक दर्जन तालाब अवैध कब्जों से मुक्त कराए थे।

अवैध खनन में 274 वाहनों को किया जब्त

बालू और मिट्टी का अवैध खनन करने वालों पर दुर्गा शक्ति ने कार्रवाई करते हुए फरवरी से अब तक 274 डंपर, जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर ट्राली, पॉपलेन आदि जब्त किए। 22 के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया। खनन करते हुए दोबारा पकड़े जाने पर 34 लोगों के खिलाफ कोर्ट में मामला भेजा। 54 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना भी खनन माफिया से उन्होंने वसूला।

दो दिन में हो गए करोड़ों के वारे-न्यारे

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। हिंडन व यमुना नदी से अवैध तरीके से बालू निकालने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। खनन माफिया हर रोज सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का चूना लगाकर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन एवं खनन निरीक्षक आशीष कुमार के तबादले के बाद से खनन माफिया की चांदी कट रही है। पिछले दो दिन में सर्वाधिक अवैध खनन हुआ है। सैकड़ों की संख्या में डंपर, जेसीबी मशीन, पॉपलेन व ट्रैक्टर ट्राली लगाकर नदियों से बालू निकाली जा रही है।

यह गोरखधंधा पिछले कई वर्षो से चला आ रहा है। जिस अधिकारी ने भी इसको रोकने के लिए खनन माफिया के गिरेबान में हाथ डाला, उसे खामियाजा भुगतना पड़ा। कई अधिकारियों पर जानलेवा हमले भी हुए। सत्ता के दबाव में पुलिस प्रशासन खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। इससे खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं। दरअसल उत्तराखंड में आई आपदा के बाद जून में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बन गई थी। बाढ़ के पानी के साथ बड़ी मात्रा में बालू भी आ गई थी। जलस्तर घटने के बाद बालू खेतों में जमा रह गई। इसको निकालने के लिए अब खनन माफिया में होड़ लगी हुई है।

सिर्फ एक के पास बालू निकालने की अनुमति

जिला प्रशासन ने यमुना से बालू निकालने के लिए सिर्फ रायपुर गांव के एक व्यक्ति को अनुमति दे रखी है। बाकी जगहों पर अवैध खनन हो रहा है। यमुना के किनारे बसे मंगरौली, छपरौली, मंगरौला, झट्टा, बादौली, कौंडली, डेरी कामबख्सपुर, मामनाथलपुर, शफीपुर, तिलवाड़ा आदि सभी गांवों से बालू का अवैध खनन हो रहा है। प्रतिदिन करीब ढाई सौ डंपर, जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर ट्राली बालू निकालने में लगे रहते हैं।

सत्ता के दबाव में नहीं बनी खनन माफिया की सूची

जिलाधिकारी रविकांत सिंह ने अप्रैल में अधीनस्थ आला अफसरों को खनन माफिया की सूची बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सूत्रों का कहना है कि एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कई सफेदपोश नेताओं के नाम इस सूची में शामिल किए थे, लेकिन सत्ता के दबाव में सूची जारी नहीं हो सकी।

पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों पर हुए हैं हमले

जिले में हिंडन व यमुना नदी से खनन माफिया बिना अनुमति के बड़े पैमाने पर बालू का खनन करते हैं। कई बार खनन माफिया में आपस में भी गोली चल चुकी है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खनन माफिया में भी खूनी खेल खेला जा चुका है। गत वर्ष तत्कालीन एसडीएम सदर व खनन निरीक्षक आशीष कुमार पर भी बालू का अवैध धंधा करने वालों ने हमला किया था। खनन निरीक्षक पर भी गोली चलाई जा चुकी है। वह बाल-बाल बचे थे। एक अन्य पूर्व एसडीएम विशाल सिंह पर भी दो बार हमला हुआ था। मामला दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।

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