अयोध्या मामले में आडवाणी, उमा भारती पर केस को लेकर सुनवाई 6 अप्रैल को होगी
इस मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और विहिप के अन्य नेताओं पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की मांग की गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या में वर्ष 1992 में विवादित ढ़ांचा गिराये जाने के मामले में भाजपा और संघ परिवार के बड़े नेताओं पर आपराधिक साजिश के तहत केस चलाएं जाने की सुनवाई को दो हफ्तों के लिए आगे बढ़ा दिया है। कोर्ट मामले की सुनवाई छह अप्रैल को करेगा। साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षकारों से मामले में लिखित में एक रिपोर्ट देने को कहा है।
गौरतलब है कि निचली अदालत ने इन नेताओं को तकनीकी आधार पर बरी कर दिया था। जिस पर हाईकोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी थी। सीबीआई ने अदालत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जहां मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि पहली नजर में इन नेताओं को आरोपों से बरी करना सही नहीं लगता है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले में निचली अदालत की तरफ से लिए गए फैसले के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने का सुझाव दिया। कोर्ट ने रायबरेली ओर लखनऊ में चले रहे अलग-अलग मामलों की सुनवाई को एक साथ करने का भी सुझाव दिया था।
इस मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और विहिप के अन्य नेताओं पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की मांग की गई है। इससे पहले बुधवार को न्यायाधीश आरएफ रोहिंग्टन के पीठ में शामिल न होने के कारण सुनवाई एक दिन के लिए टल गई थी।
इस बीच भाजपा नेता सुब्रह्माण्यम स्वामी ने कहा है कि राम जन्मभूमि विवाद के हल के लिए हमारी समय सीमा अप्रैल 2018 है।सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सुनवाई एक दिन के लिए टालते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ उपलब्ध नहीं है। गुरुवार को पीठ में वे ही न्यायाधीश होंगे जिन्होंने इसकी पहले सुनवाई की है। वैसे जस्टिस घोष मई में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी और अन्य भाजपा नेताओं की पैरवी कर रहे वकील केके वेणुगोपाल की मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाले जाने की मांग नहीं मानी।
एक अन्य याचिकाकर्ता हाजी महबूब अहमद के वकील एमआर शमशाद ने भी कोर्ट से सुनवाई एक सप्ताह के लिए टालने का आग्रह किया था। इस मामले में सीबीआइ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से भाजपा और विहिप नेताओं पर विवादित ढांचा विध्वंस की आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की मांग की है। मालूम हो कि पिछली सुनवाई गत छह मार्च को कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि भाजपा और विहिप नेताओं को इस तरह तकनीकी आधार पर नहीं छोड़ा जा सकता है।
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स्वामी का आरोप
इस बीच प्रेट्र के मुताबिक, वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम संगठन रामजन्म भूमि विवाद के हल में मुस्लिम संगठन बाधाएं डाल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंदिर मसले का समझौते से हल निकालने के सुझाव पर मुस्लिम संगठनों की असहमति को लेकर स्वामी ने यह बात कही। स्वामी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के जजों की मध्यस्थता के जरिये अयोध्या मसले का हल हो या फिर मामले में रोजाना सुनवाई हो। अगर मुस्लिम पक्ष इसे लटकाने का प्रयास करेंगे तो इसकी अंतिम समय सीमा अप्रैल 2018 होगी।' हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इस समय सीमा का मतलब क्या है।
गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद पार्टी को राज्यसभा में बहुमत मिलने की संभावना है। इसके बाद राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का रास्ता आसान हो जाएगा। विहिप समेत कुछ दक्षिण पंथी संगठन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
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