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सुहाग के सेना प्रमुख बनने का रास्ता साफ

लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग के सेना प्रमुख बनने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुहाग की नियुक्ति पर रोक लगाने से सोमवार को इन्कार कर दिया। सुहाग एक अगस्त को सेना प्रमुख का पद संभालेंगे।

By Edited By: Published: Mon, 07 Jul 2014 12:46 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jul 2014 10:13 PM (IST)
सुहाग के सेना प्रमुख बनने का रास्ता साफ

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग के सेना प्रमुख बनने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुहाग की नियुक्ति पर रोक लगाने से सोमवार को इन्कार कर दिया। सुहाग एक अगस्त को सेना प्रमुख का पद संभालेंगे।

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लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने ने एक अर्जी दाखिल कर सुहाग की सेना प्रमुख के पद पर नियुक्ति पर रोक लगाने की भी मांग की थी। दस्ताने ने अपनी वरीयता को नजरअंदाज कर सुहाग को सेना की पूर्वी कमान का मुखिया प्रोन्नत किए जाने का विरोध किया है।

दस्ताने के वकील ने अर्जी पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, उनका मुवक्किल अगस्त के अंत में सेवानिवृत हो रहा है और सुहाग की सेना प्रमुख पद पर एक अगस्त को नियुक्ति होने वाली है। ऐसे में कोर्ट उनकी अर्जी पर शीघ्र सुनवाई कर ले। लेकिन मामले की सुनवाई कर जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ इसके लिए राजी नहीं हुई। पीठ ने कहा कि उन्हें मामले में तत्काल सुनवाई करने या रोक आदेश देने का कोई कारण नजर नहीं आ रहा। साथ ही कोर्ट ने दस्ताने की याचिका पर सुनवाई सितंबर तक टाल दी।

केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दस्ताने की याचिका का विरोध करते हुए सुहाग की नियुक्ति को सही ठहराया। रोहतगी ने कहा कि याचिका में लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है। सुहाग वरीयता सूची में सबसे वरिष्ठ थे और सारे मानदंड पूरे करते थे, इसलिए उनकी नियुक्ति की गई। उन पर 2012 में लगाए गए आरोप वापस लेकर उन पर लगी रोक भी हटा ली गई थी। इसके बाद ही सुहाग की नियुक्ति की गई है।

वीके सिंह ने किया था विरोध

गौरतलब है कि पूर्व सेनाध्यक्ष और अब केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी ले. जनरल सुहाग की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं। बीते दिनों रक्षा मंत्री अरण जेटली ने भी सुहाग की नियुक्ति को सही ठहराया था। सरकार ने कहा था कि अगले सेना प्रमुख के पद पर लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग की नियुक्ति का निर्णय अंतिम है और सैन्य बलों से जुड़े मुद्दों को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए। वीके सिंह जब सेना प्रमुख थे तब उन्होंने साल 2012 में एक मामले को लेकर सुहाग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका प्रमोशन रोक दिया था। बाद में सुहाग का प्रमोशन भी हुआ और अब वो सेना प्रमुख भी बनने वाले हैं।

पढ़ें : वीके सिंह को जेटली की खरी-खरी, सुहाग की नियुक्ति का निर्णय अंतिम


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