नर्मदा विस्थापितों के मामले की देखरेख करेंगे पूर्व जज
इस परियोजना से तीन राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात में बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर परियोजना के मामले को निपटाने के लिए समिति बनाने का फैसला किया है। शीर्ष अदालत के तीन पूर्व न्यायाधीशों वाली समिति परियोजना में विस्थापित हुए लोगों के मुआवजे तथा पुनर्वास की देखरेख करेगी। ज्ञात हो,इस परियोजना से तीन राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात में बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ है।
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, अदालत के निर्देश पर बनने वाली इस समिति में जस्टिस (सेवानिवृत) वीएस सिरपुकार, केएस राधाकृष्णन और सी. नागप्पन होंगे। समिति गठन के निर्देश पर विवाद नहीं होगा। पूर्व न्यायाधीशों के नाम दिए जा चुके हैं और सभी पक्षों से राय ली जा चुकी है। पीठ में केहर के अलावा न्यायाधीश एनवी रमना और डीवाई चंद्रचूड़ भी हैं।
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इससे पहले रोहतगी ने पीठ से कहा कि समिति में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीशों को शामिल किया जाए। इसमें न तो नौकरशाहों को और न ही किसी एनजीओ को शामिल किया जाए। शीर्ष अदालत ने इससे पहले कहा था कि परियोजना प्रभावित परिवारों का हित सुनिश्चित करने के लिए वह कार्यकारी के अधिकार को सीमित करना चाहती है। मेधा पाटकर नीत नर्मदा बचाओ आंदोलन सहित सभी पक्षों से अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह परियोजना को रोकने की इजाजत नहीं देगी।
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