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    न्यायिक नियुक्ति आयोग पर सुनवाई को नई संविधान पीठ बनी

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Fri, 17 Apr 2015 05:13 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम पर सुनवाई के लिए एक नई संविधान पीठ का गठन किया है। संविधान पीठ से जस्टिस एआर दवे के हटने के एक दिन बाद अब नई खंडपीठ जजों की नियुक्ति के लिए नए कानून की वैधता परखेगी।

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    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम पर सुनवाई के लिए एक नई संविधान पीठ का गठन किया है। संविधान पीठ से जस्टिस एआर दवे के हटने के एक दिन बाद अब नई खंडपीठ जजों की नियुक्ति के लिए नए कानून की वैधता परखेगी।

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    सुप्रीम कोर्ट के रेजिस्ट्री की ओर से जारी नोटिस में इस बात का उल्लेख नहीं है कि जस्टिस दवे का स्थान कौन लेगा। हालांकि पांच सदस्यीय संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दत्तू के अलावा, जस्टिस जे.चेलमेस्वर, मदान बी.लोकुर, कुरियन जोसेफ और आदर्श कुमार गोयल हैं। पहले संविधान पीठ का नेतृत्व कर रहे जस्टिस दवे को बुधवार को तब पीछे हटना पड़ा जब मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के संगठन एससीएओआरए और अन्य याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वह नए कानून के तहत एनजेएसी के सदस्य बन चुके हैं। इसलिए सुनवाई प्रभावित हो सकती है।

    हालांकि एससीएओआरए की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील फली नारीमन ने जजों की नियुक्ति की दो दशक पुरानी कोलेजियम प्रणाली का समर्थन किया। जबकि सरकारी वकील मुकुल रोहोतगी और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इसका विरोध किया।

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