आप के 21 विधायकों को सचिवालय में मिलेगा कमरा
सत्ता का नशा सूबे की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर धीरे-धीरे असर करने लगा है। अहंकार से बचने की सलाह देने वाली सरकार विपक्ष से टकराव के तमाम फैसले कर रही है। नेता प्रतिपक्ष के कमरे में ताला लगाने का निर्णय कर सुर्खियों में आई सरकार ने अब
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। सत्ता का नशा सूबे की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर धीरे-धीरे असर करने लगा है। अहंकार से बचने की सलाह देने वाली सरकार विपक्ष से टकराव के तमाम फैसले कर रही है। नेता प्रतिपक्ष के कमरे में ताला लगाने का निर्णय कर सुर्खियों में आई सरकार ने अब अपने 21 संसदीय सचिवों के लिए विधानसभा सचिवालय में कमरे उपलब्ध कराने की तैयारी है।
इस सचिवालय में पहले से मौजूद विभिन्न पार्टियों के कमरों को भी खाली करा लिया गया है। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नाम पर भाजपा के सिर्फ तीन विधायक हैं, लेकिन इन्हें भी विधानसभा परिसर में बैठने के लिए कमरा नहीं दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष का कमरा में ताला बंद करने के साथ ही पार्टी को भी अलग से कोई कमरा नहीं दिया गया है। इससे भाजपा विधायकों को विधानसभा में बैठने के लिए भी जगह की तलाश करनी पड़ती है।
वहीं दूसरी ओर आप सरकार ने अपने जिन 21 विधायकों को संसदीय सचिव का दर्जा दिया है उन्हें विस सचिवालय में अलग से कमरा उपलब्ध कराने जा रही है। इससे भाजपा में रोष है।
विधायकों पर मेहरबानी और विपक्ष के कमरे पर ताला
भाजपा विधायक दल के नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि आप सरकार विधानसभा की परंपराएं तोड़ रही है। यहां परंपरा रही है कि जिस पार्टी के भी विधायक विस में पहुंचते हैं, उस पार्टी के लिए एक अलग कमरा उपलब्ध कराया जाता है। अकाली दल व बहुजन समाज पार्टी को भी कमरा आवंटित किया गया था, लेकिन आप सरकार को इन परंपराओं का कोई ख्याल नहीं है।
सरकार अपने विधायकों को खुश करने के लिए उन्हें विशेष सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया गया। इसका विरोध होने पर सरकार का तर्क था कि मंत्रियों के कामकाज में सहयोग करने के लिए संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है और उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं मिलेगी। लेकिन बताया जा रहा है कि अब सरकार इन्हें विशेष दर्जा दे रही है और इसलिए विपक्ष के कमरे पर ताला बंद कर इनके लिए कमरों की व्यवस्था की जा रही है।
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